बालाघाट जिले में ऐसे 4 हजार 448 नए दिव्यांग हैं, जिनका अब तक कोई पंजीयन नहीं था। जिसके कारण दिव्यांगों को शासन की ओर से मिलने वाली योजना का लाभ और दिव्यांगता के अनुसार, सहायक यंत्र, नहीं मिल पा रहे थे।
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जिले में पंजीकृत 20 हजार 127 दिव्यांग हैं, जिनके अलावा 4 हजार 448 नए दिव्यांगों की पहचान, प्रशासन ने की है, जिनकी दिव्यांगता को जानने, दिसंबर माह में प्रशासन, जिले की सभी 10 जनपद पंचायतों में शिविरों का आयोजन कर रहा है।
शिविर में प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे दिव्यांग।
लोकसभा की मतदाता सूची और ईपी रेशो से सामने आए नए दिव्यांग
जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सराफ बताते है कि पूरी दुनिया की जनसंख्या का औसतन निकाला जाए तो लगभग जनसंख्या की ढाई प्रतिशत संख्या दिव्यांग होती है। जिसके आधार पर प्रशासनिक रूप से जिले में दिव्यांगों की संख्या जानने का प्रयास किया गया।
दिव्यांगों की पहचान के लिए लोकसभा की मतदाता सूची और ईपी रेशो के आधार पर, अनुमानित जनसंख्या निकाली गई। जिसके बाद ग्रामीण विकास के अमले से हर पंचायत में सर्वे कराया गया। जिसमें सर्वे के बाद 4 हजार 448 नए दिव्यांगों की पहचान की गई।
जनपदवार सूची बनाकर दिव्यांगों की मेडिकल बोर्ड कर रहा जांच
जिले की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर कराए गए सर्वे के बाद, सामने आए नए दिव्यांगों की दिव्यांगता का प्रतिशत जानने के लिए प्रशासन ने जनपदवार शिविरों का आयोजन किया है। जो पूरे दिसंबर तक चलेगा।
इन शिविरों के माध्यम से मेडिकल बोर्ड, दिव्यांगों में दिव्यांग प्रतिशत और प्रकार का आकलन कर रहा है। ताकि उनके अनुसार, उन्हें शासन की योजनाओं से लाभांवित करते हुए सहायक उपकरण प्रदान किया जा सके।

डॉक्टर ने किया दिव्यांगों को परीक्षण।
जनपदवार पंजीकृत और पंजीकृत दिव्यांगों की संख्या
बैहर जनपद में 1045 पंजीकृत-559 अपंजीकृत, बालाघाट में 2732 पंजीकृत-807 अपंजीकृत, बिरसा में 1410 पंजीकृत-236 पंजीकृत, कटंगी में 2397 पंजीकृत-493 अपंजीकृत, किरनापुर में 2449 पंजीकृत-589 अपंजीकृत, खैरलांजी में 2159 पंजीकृत-219 अपंजीकृत, लालबर्रा में 2245 पंजीकृत-315 अपंजीकृत, लांजी में 2123 पंजीकृत-506 अपंजीकृत, परसवाड़ा में 1461 पंजीकृत-492 अपंजीकृत और वारासिवनी में 2106 पंजीकृत-232 अपंजीकृत दिव्यांग है। इस तरह जिले में पंजीकृत दिव्यांगो की संख्या 20127 और अपंजीकृत दिव्यांगो की संख्या 4448 है।