नई दिल्ली8 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा। बुद्ध धम्म की विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों पर पीएम मोदी अपनी बात रखेंगे।
इसके अलावा PM पाली भाषा के महत्व पर भी बात करेंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 अक्टूबर को मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मंजूरी दी थी।
शास्त्रीय भाषाएं कौन होती हैं, कब से आईं केंद्र सरकार ने 2004 में ‘शास्त्रीय भाषा’ की एक कैटेगरी बनाई थी। शास्त्रीय भाषा के मानदंडो के अनुसार, भाषा का 1500 से 2000 पुराना रिकॉर्ड होना चाहिए। इसके साथ ही भाषा का प्राचीन साहित्य या ग्रंथो का संग्रह होना चाहिए।

शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने वाली तमिल पहली भाषा तमिल 2004 में शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने वाली पहली भाषा थी। उसके बाद 2005 में संस्कृत को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। इसके बाद तेलुगु, कन्नड, मलयालम और उड़िया को क्रमशः शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिली थी। मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने की मांग 2013 से ही लंबित थी। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इसे मंजूरी मिली है।
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