नवनिर्वाचित पार्षदों को संबोधित करते अनिल विज।
हरियाणा के अंबाला में केंद्रीय शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर शुक्रवार को नगर परिषद के नव निर्वाचित सदस्यों का स्वागत करने पहुंचे। यहां हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने उनसे अंबाला से चंडीगढ़ तक मेट्रो चलाने की मांग की
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अनिल विज ने बताया कि चंडीगढ़ हमारी हरियाणा की राजधानी है मगर चंडीगढ़ तक पहुंचना बहुत मुश्किल है और चंडीगढ़ जाने वाली सड़क जाम रहता है। लोगों में चंडीगढ़ आने-जाने में कई घंटे लगते हैं। अंबाला से चंडीगढ़ तक मेट्रो ट्रेन चलाने की मांग कर रहे हैं। जिससे लाखों लोगों को फायदा होगा।
अंबाला में कैबिनेट मंत्री अनिल विज केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का स्वागत करते हुए।
मनोहरलाल ने अंबाला का किया खूब विकास
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि मनोहरलाल खट्टर के मुख्यमंत्री रहते और उनके सहयोग से हमने अंबाला छावनी का भी और सारे प्रदेश का काम करने की कोशिश की। इनके रहते उन्हें कभी किसी काम में अड़चन नहीं आई। जब भी उन्होंने कोई बात रखी तो मनोहरलाल ने उसे हंसते-हंसते स्वीकार किया।
सबसे ताजा उदाहरण अंबाला के डोमेस्टिक एयरपोर्ट का है। एयरपोर्ट के लिए सेना से जमीन लेना बहुत मुश्किल था और सेना से जमीन स्थानांतरित करने के लिए जो कीमत लगाई वह बहुत ज्यादा थी। तब मनोहरलाल ने बात की और हंसते-हंसते मनोहर लाल ने एयरपोर्ट की जमीन के लिए 130 करोड़ रुपए अलॉट कर दिए।
हमें जनता की सेवा करना सिखाया गया है
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि मनोहरलाल और हमारा मुद्दा एक ही है। हम एक ही विश्वविद्यालय (आरएसएस) के विद्यार्थी हैं और हमें यही सिखाया जाता है कि जनता का काम करना है और देश व प्रदेश को आगे ले जाना है। ऐसा नहीं है कि काम करते हुए हमारे मतभेद नहीं हुए यह प्रजातंत्र का तकाजा है।
प्रजातंत्र में अलग-अलग मत हो सकते हैं, लेकिन हमारे मत मुद्दों पर होते थे, उसकी भी खूबसूरती थी कि या मनोहरलाल मान जाते थे या वो मुझे मना लेते थे। जिससे विकास की गाड़ी लगातार चलती रहती थी और उसकी रवानगी में कभी कोई रुकावट नहीं आई। जो मनोहरलाल से उन्होंने अंबाला छावनी के लिए मांगा वो उन्होंने दिया।

अंबाला पहुंचने पर अनिल विज के साथ फूलों की होली खेलते मनोहर लाल खट्टर
पूरी सीटें मिलती तो 32 में से 32 सीटें जीतते
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने टिकट के बंटवारे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर परिषद चुनाव से पहले खेल कुछ बदरंग हो गया था, और 32 में से 15 उम्मीदवारों का पहले नाम काट दिया गया था। उन्होंने हाईकमान से बात की तो 15 में से 10 टिकटें बदलवाई और 10 में 9 सीटें हम जीते हैं।
यदि पूरी सीटें मिलती तो 32 में से 32 सीटें जीतकर देश में उदाहरण देते। हालांकि जो नहीं जीते वो भी उनके पार्षद है और अपने वार्डों में पार्षद की ही तरह कार्य करेंगे।