अंबिकापुर नगर निगम की नई सरकार का पहला बजट आज महापौर मंजूषा भगत पेश करेंगी। निगम में एक दशक बाद भाजपा का कब्जा हुआ है। पहली महिला महापौर मंजूषा भगत बजट में कई घोषणाएं कर सकती हैं, जो भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा थी। इस बार बजट में दो करोड़ का घ
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अंबिकापुर नगर निगम में 10 साल बाद भाजपा की सरकार ने वापसी हुई है। नगर निगम की महापौर मंजूषा भगत ने 2 मार्च को अपना पदभार ग्रहण किया था। सोमवार को आयोजित सामान्य सभा में महापौर भगत पहली बार अपनी सरकार का पहला बजट पेश करेंगी।
दो करोड़ के घाटे का अनुमान
महापौर मंजूषा भगत ने बताया कि, 6 अरब 94 करोड़ 6 लाख रुपए आय के विरुद्ध 6 अरब 96 करोड़ 4 लाख रुपए व्यय का अनुमान पेश जाएगा। निगम को 1 करोड़ 98 लाख 21 हजार रुपए घाटे का अनुमान है।
बजट में अधोसंरचना मद, स्वच्छता प्रबंधन, महामाया कारीडोर निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों की घोषणा होगी। सामान्य सभा में नगर निगम की सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष द्वारा भी बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई है। रविवार को सामान्य सभा से पहले पार्षद दल की बैठक आयोजित की गई जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
आय के स्रोत बढ़ाने की कोशिश
महापौर मंजूषा भगत ने बजट सत्र के पूर्व कहा कि, हम घाटे का बजट पेश कर रहे हैं। निगम के पास आय के स्रोत की कमी है। आय का स्रोत बढ़ाने के लिए आने वाले समय में प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही विकास कार्यों को बजट में शामिल किया गया है।
काली पट्टी लगा पहुंचे कांग्रेसी
महापौर मंजूषा भगत द्वारा गंगाजल से शुद्धिकरण और महापौर की कुर्सी बदलने के बयान के विरोध में कांग्रेसी पार्षद काली पट्टी बांध कर पहुंचे। महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। किसी की भावना को ठेस पहुंचाना उद्देश्य नहीं था। इसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने काली पट्टी उतार दी।
सांसद चिंतामणि पहुंचे सामान्य सभा में
नगर निगम की सामान्य सभा में सांसद चिंतामणि महाराज भी पहुंचे। महापौर मंजूषा भगत सहित नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने सांसद का स्वागत किया। शफी अहमद ने कहा कि पूर्व के 10 सालों में निगम को सांसद मद से राशि नहीं मिली। सांसद चिंतामणि महाराज कुछ राशि नगर विकास के लिए जरूर देंगे। शहर की खराब सड़कों को सुधारने के लिए पहल की मांग भी शफी अहमद ने रखी।