गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारों से सोमवार को शहर की गलियां और रास्ते गुंजायमान रहे। मौका था श्री गणेश भगवान की विदाई और प्रतिमा विसर्जन का। ढोल और ताशों की गड़गड़ाहट पर भक्त झूमते-नाचते तालाब पर पहुंचे। यहां विधि विधान के साथ श्री
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इस अवसर पर भक्तों की आंखे छलक उठीं। विदा के दौरान भक्तों ने श्री गणेश से अगले बरस जल्दी आने का वादा भी लिया। गणेश चतुर्थी के साथ इस बार गाड़ी खाना मार्ग पर शुरू हुआ गणेशोत्सव पूरे 10 दिन चला। प्रतिदिन श्री गणेश का आकर्षक श्रृंगार किया गया। तय दिन और वार के मुताबिक श्री गणेश के श्रृंगार किए गए।
रविवार की दोपहर विधि-विधान के साथ श्री गणेश का हवन-पूजन किया गया। इसके बाद कन्या भोज की शुरुआत की गई। दोपहर 2 बजे से शुरू हुआ कन्या भोज रात 12 बजे तक चला। इस अवसर पर श्री गणेश की महाआरती उतारी गई।
देर रात तक कार्यक्रम चलने के बाद भक्तों ने सुबह से ही श्री गणेश के विदाई की शुरुआत कर दी। दोपहर में वापस हवन और पूर्णाहुति कार्यक्रम संपन्न कराया गया। इसके बाद झूले में विराजमान श्री गणेश को झुलाने के लिए भक्तों में होड़ मची नजर आई। इस अवसर पर बज रहे गीत लोरी सुनाएं गौरा मैया, झूला झूलें गजानन ने भक्तों के उत्साह को दोगुना कर दिया।