रायपुर में सुबह से धूप निकली है। दोपहर के बाद यहां बारिश का अलर्ट है।
छत्तीसगढ़ में नौतपा के बीच बुधवार को मानसून की एंट्री हुई है। गुरुवार को बस्तर संभाग के लगभग सभी जिलों को मानसून ने कवर कर लिया। अब अगले 24 से 48 घंटों में मानसून रायपुर में एंट्री कर सकता है। मौसम विभाग की माने तो रायपुर में मानसून के पहुंचने की नॉर
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64 साल के इतिहास में ये पहली बार है, जब मानसून मई माह में छत्तीसगढ़ पहुंचा है। इससे पहले साल 1971 में 1 जून को पहुंचा था। आज भी रायपुर-दुर्ग, बिलासपुर समेत सभी जिलों में येलो अलर्ट है। गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है। बिजली गिर सकती है। इसके बावजूद अगले 48 घंटों में प्रदेश के औसत तापमान में 2 से 4 डिग्री तक वृद्धि हो सकती है।

इस साल औसत से ज्यादा बारिश का अनुमान
समय से पहले मानसून की एंट्री से मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश हो सकती है। वहीं गुरुवार को पूरे प्रदेश में 670 मिमी बारिश हुई है।

मई में नॉर्मल से लगभग 11 गुना ज्यादा पानी बरस चुका
छत्तीसगढ़ में नौतपा के बीच पिछले छह दिनों में लगभग 5,050 मिलीमीटर पानी बरस चुका है, जो मई में होने वाली सामान्य बारिश से लगभग 11 गुना ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक मई में बारिश का सामान्य कोटा 430 मिमी से 450 मिमी के आसपास रहता है, लेकिन इस बार बारिश ज्यादा है।

आज भी प्रदेश के सभी जिलों में येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश तेज बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बस्तर समेत 9 जिलों के अधिकांश जगहों में बारिश होने की उम्मीद है। रायपुर–दुर्ग सहित 8 जिलों के अनेक स्थानों में बारिश होगी। 7 जिलों के कुछ और बाकी जिलों के एक–दो जगहों पर बारिश हो सकती है।

बारिश की रफ्तार में लगातार हो रहा उतार-चढ़ाव
पिछले छह दिन में बारिश की रफ्तार भी फ्लक्चुएट होती रही है। जहां शनिवार को सिर्फ 12 इलाकों में ही हुई। इसके बाद रविवार को अलग-अलग जिलों के 50 से ज्यादा इलाकों में पानी गिरा। लेकिन सोमवार को सिर्फ 17 इलाकों तक ही बारिश सिमट गई। वहीं मंगलवार को 27, लेकिन बुधवार को 74 इलाकों में बारिश हुई है।
हालांकि गुरुवार को सिर्फ 27 इलाकों में न्यूनतम 10 मिमी बारिश हुई है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो अधिक तापमान 37.7°C रायपुर का रहा। वहीं सबसे कम तापमान 23.9°C जगदलपुर का रहा।
प्रदेश में बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए


गरज-चमक, बिजली और ओला गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
- अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
- पेड़ों के नीचे न ठहरें।
- बिजली लाइन से दूर रहें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।

