मुंबई19 मिनट पहले
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महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार शुक्रवार को पार्टी की ओर से मुंबई के इस्लाम जिम खाना में आयोजित इफ्तार पार्टी में बोल रहे थे।
नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र में लगातार नेताओं की बयानबाजी जारी है। इस बीच डिप्टी सीएम अजित पवार ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
अजित पवार ने कहा- जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा, दो समूहों के बीच संघर्ष भड़काकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा। चाहे वह कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या माफ नहीं किया जाएगा।
पवार ने ये बयान पार्टी की ओर से मुंबई के इस्लाम जिम खाना में शुक्रवार को दी गई इफ्तार पार्टी के दौरान दिया। अजित पवार ने आगे कहा- रमजान सिर्फ एक धर्म तक सीमित नहीं है। यह हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है। भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और शाहू महाराज ने जातियों को एक साथ लाकर समाज के उत्थान का मार्ग दिखाया। हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है।
उधर, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि नागपुर हिंसा की जांच महाराष्ट्र सरकार ने क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।

2 थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटाया गया
पुलिस ने 2 थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नंदनवन और कपिलनागर पुलिस थाना क्षेत्रों में संचारबंदी समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा, अन्य थाना क्षेत्रों में दोपहर 2 से 4 बजे तक कर्फ्यू में राहत दी गई है। शेष नौ थाना क्षेत्रों में आज छठे दिन भी कर्फ्यू बरकरार रखा गया है।
शुक्रवार शाम तक 105 आरोपी गिरफ्तार
नागपुर हिंसा केस में शुक्रवार शाम तक पुलिस ने 14 और लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 105 हो गई, जिनमें 10 किशोर भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 लोगों को लोकल कोर्ट ने 22 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में तीन नई एफआईआर दर्ज की हैं।
मुख्य आरोपी फहीम ने जमानत याचिका लगाई
नागपुर को 17 मार्च को भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान ने जमानत के लिए सेशन कोर्ट में याचिका लगाई है। फहीम ने दावा किया है कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।
माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद फहीम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इसके बाद फहीम ने नागपुर डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की। उनके वकील अश्विन इंगोले ने कहा कि इस पर 24 मार्च को सुनवाई हो सकती है।
घटना के सिलसिले में तीन और नई FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, शहर के कुछ हिस्सों से कर्फ्यू हटाने का फैसला हाई लेवल रिव्यू मीटिंग के बाद लिया जाएगा।

फहीम की याचिका में 3 दावे
- जमानत याचिका में कहा गया है कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है और ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि उन्होंने भीड़ को उकसाया था।
- आरोप झूठे और निराधार हैं और पुलिस ने हिंसा में उनकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं बताई है।
- उनके खिलाफ दर्ज मामला राजनीतिक प्रतिशोध है क्योंकि 18 मार्च को उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों के खिलाफ FIR की मांग की थी।
17 मार्च को नागपुर में क्या हुआ था…
नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की।
पुलिस पर भी हमला किया गया। तीन डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए।DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई।

औरंगजेब पर कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद…
सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता।
आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।’

आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।
मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी UP विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। UP ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता।

औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक JCB मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया।
तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए।

1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया।
औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
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‘हम छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर आंदोलन कर रहे थे। हमने वहीं प्रतीक के तौर पर औरंगजेब की कब्र जलाई। ये घास-फूस और कचरे से बनी थी। एक साड़ी जैसा कपड़ा भी था, जो हमारे कार्यकर्ता को सड़क किनारे पड़ा मिला था। ये अफवाह है कि हमने धार्मिक भावना आहत करने वाली चीज जलाई। सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ कर फोटो और वीडियो अपलोड की गई हैं।’ अमोल ठाकरे नागपुर में विश्व हिंदू परिषद के शहर मंत्री हैं। पूरी खबर पढ़ें…
बाबरी ढही तो भी शांत था शहर, वीडियो वायरल कर दंगा फैलाने वाले कौन

6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया। यूपी, गुजरात, दिल्ली, एमपी के अलावा पूरे महाराष्ट्र में दंगे भड़क गए। उस वक्त भी शांत रहा नागपुर 17 मार्च, 2025 को औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग पर सुलग उठा। अफवाह फैली कि VHP और बजरंग दल के प्रोटेस्ट में कुरान की आयतें जलाई गई हैं। आरोप है कि वीडियो वायरल करके हिंसा फैलाई गई। पढ़िए पूरी खबर…