Sunday, June 15, 2025
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अडाणी धोखाधड़ी केस- अमेरिकी सांसदों की अटॉर्नी जनरल को चिट्ठी: बाइडेन प्रशासन के खिलाफ जांच की मांग; लिखा- बेवकूफीभरा फैसला था, रिश्ते बिगड़ने का खतरा


वॉशिंगटन DC6 मिनट पहले

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अमेरिका में 6 सांसदों ने सोमवार को बाइडेन सरकार के जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा अडाणी ग्रुप के खिलाफ की गई कार्रवाई की जांच की मांग की है। इसे लेकर नए अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को लेटर लिखा है। इन सांसदों ने भारत को अहम साझेदार बताते हुए कहा कि बाइडेन के जस्टिस डिपार्टमेंट की कार्रवाई से अमेरिका का नुकसान पहुंचा है।

सांसद लांस गुडेन, पैट फॉलन, माइक हरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर टिम्मन्स और ब्रायन बेबिन ने कहा कि जस्टिस डिपार्टमेंट की कार्रवाई एक बेवकूफीभरा फैसला था, जिससे भारत जैसे अहम साझेदार से रिश्ते बिगड़ने का डर था।

इन्होंने इस पूरी कार्रवाई को एक गुमराह करने वाला अभियान बताया। अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं।

दरअसल पिछले साल अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।

यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। इस मामले में गौतम अडाणी और उनके भतीजे समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

अमेरिका के हितों को चोट पहुंची है

सांसदों ने कहा-

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इसमें उन लोगों को टारगेट किया गया है, जिन्होंने हमारी इकोनॉमी में कई अरब डॉलर का योगदान, इससे हमारे देश में हजारों नौकरियां आई। इस फैसले से अमेरिका की अर्थव्यवस्था में रुकावट डालने की कोशिश की गई। यह अमेरिकी हितों पर बड़ी चोट है।

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उन्होंने कहा- हम आपसे (पाम बॉन्डी) बाइडेन सरकार के जस्टिस डिपार्टमेंट की जांच करने का अनुरोध करते हैं। इस विभाग ने सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही कार्रवाई को आगे बढ़ाया, जबकि कई को छोड़ दिया। इससे भारत से सहयोगी से हमारे रिश्ते खतरे में पड़ गए थे।



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