मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा मामले में अभ्यार्थियों को बड़ी राहत देते हुए आयु सीमा छूट को लेकर बड़ा राहतकारी अंतरिम आदेश पारित किया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत एवं जस्टिस विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने असि
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याचिकाकर्ता दमोह निवासी छोटे लाल अहिरवार की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा। संजीव कुमार सिंह ने कोर्ट को दलील देते हुए बताया कि याचिकाकर्ता अतिथि विद्वान के रूप में कार्यरत हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर व खेल अधिकारी के लिए एमपी-पीएससी के माध्यम से परीक्षा का आयोजन किया गया है। जिसके फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 26 मार्च है। सेवा में कार्यरत होने के कारण सभी अतिथि विद्वानों को आयु सीमा में रियायत प्रदान करने हुए अधिकतम उम्र सीमा 45 साल निर्धारित की गई है।
अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता एसटी वर्ग का है और आरक्षित वर्ग श्रेणी में आने के कारण एससी एसटी वर्ग को अतिरिक्त पांच साल की आयु सीमा छूट मिलती है। सेवारत होने के कारण अतिथि विद्वान को आयु सीमा में छूट दी गई है। एससी-एसटी वर्ग के अतिथि विद्वानों को संविधान से मिले आयु सीमा की अतिरिक्त छूट के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद एससी-एसटी वर्ग के अतिथि विद्वान को आयु सीमा में पांच साल की अतिरिक्त छूट प्रदान करने का अंतरिम आदेश पारित किया है।