Saturday, April 26, 2025
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अतीक का परिवार अब किस हाल में: परिवार की 3 महिलाएं फरार, 2 साल में STF भी पकड़ नहीं पाई; 2 बेटे जेल में – Prayagraj (Allahabad) News


माफिया अतीक अहमद की हत्या को 2 साल हो गए। उसके परिवार की तीन महिलाएं अभी भी फरार हैं। इसमें अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, भाई अशरफ की पत्नी जैनब और बहन नूरी शामिल हैं।

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यूपी सरकार की पुलिस, एसटीएफ, इंटेलिजेंस और केंद्र सरकार की तरफ से ED भी उतार दी गई। इनाम की घोषणा की गई। अलग-अलग राज्यों में पोस्टर लगवा दिए गए। लुकआउट नोटिस तक जारी करवा दिया गया, लेकिन दो साल में भी तीनों महिलाएं पकड़ में नहीं आईं।

15 अप्रैल को अतीक की हत्या के 2 साल हो जाएंगे। दैनिक भास्कर की सीरीज के पार्ट-2 में हम बताएंगे कि अतीक का परिवार अब किस हाल में है, परिवार की फरार तीन महिलाओं तक पुलिस क्यों नहीं पहुंच पाई? पढ़िए रिपोर्ट…

चकिया इलाके का वह घर बुलडोजर से गिरा दिया गया, जिसमें अतीक के 5 बच्चों का जन्म हुआ था।

अतीक के बेटे जहां पैदा हुए वह जगह अब खंडहर आज से 29 साल पहले यानी 1996 में अतीक ने पुलिस कॉन्स्टेबल फारुख की बेटी शाइस्ता परवीन से शादी की। उस वक्त तक अतीक अहमद 3 बार विधायक हो चुका था। शादी के 2 साल बाद शाइस्ता परवीन ने एक बेटे को जन्म दिया। उसका नाम उमर अहमद रखा गया। इसके बाद अली, असद, अहजान और अबान पैदा हुए। सभी की स्कूलिंग प्रयागराज के सबसे महंगे स्कूल सेंट जोसेफ से शुरू हुई।

ये सभी 5 बच्चे चकिया इलाके के जिस घर में पले-बढ़े, हम वहां पहुंचे। अतीक का ये घर करीब 2 बीघे में था। इसी जमीन पर एक तरफ हॉल था, बीच में घर। उसके सामने कई पेड़ लगे थे। अब यह घर जमींदोज हो चुका है।

इस तस्वीर में अतीक पत्नी शाइस्ता और बड़े बेटे उमर के साथ है।

इस तस्वीर में अतीक पत्नी शाइस्ता और बड़े बेटे उमर के साथ है।

उसका मलबा उसी जगह पड़ा हुआ है। इन्हीं मलबों में अतीक के इन बच्चों के तमाम सामान दबकर खत्म हो गए। हम इन्हीं मलबों से होते हुए अतीक के गैराज की तरफ पहुंचे तो हमें यहां एक लैंड क्रूजर खड़ी मिली। यह वही गाड़ी है जिससे अतीक के बच्चे स्कूल जाते थे।

अब अतीक के बेटों और परिवार के बारे में जानिए…

अतीक अहमद इंटर स्टेट गैंग IS-227 का सरगना था। उसकी और उसके भाई अशरफ की खुल्दाबाद थाने में हिस्ट्रीशीट थी। अब इसी थाने में अतीक के बड़े बेटे अली और दूसरे नंबर के बेटे उमर की भी हिस्ट्रीशीट खुली है।

अली पर अब तक 11 और उमर पर 3 केस दर्ज है। उमर की हिस्ट्रीशीट 57-बी और अली की हिस्ट्रीशीट 48-बी है। अतीक अहमद की हिस्ट्रीशीट का नंबर 39 और अशरफ की हिस्ट्रीशीट का नंबर 93-बी था।

अली पर न सिर्फ खुल्दाबाद बल्कि करेली, पूरामुफ्ती और धूमनगंज थाने में भी गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के तीसरे बेटे असद और गुर्गे गुलाम को झांसी में एसटीएफ ने मार गिराया था।

राजू पाल हत्याकांड में असद का नाम आया था। बाद में असद को एनकाउंटर में मार गिराया गया।

राजू पाल हत्याकांड में असद का नाम आया था। बाद में असद को एनकाउंटर में मार गिराया गया।

अतीक के दो छोटे बेटों को सुरक्षा मिली अतीक के बाकी के जो 2 छोटे बेटे हैं, अभी वह पढ़ाई करते हैं। पिछले साल चौथे नंबर के बेटे अबहान ने ICSE बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास की थी। अबहान को 70% नंबर मिले थे।

सबसे छोटा बेटा अबान 10वीं क्लास में था, उसे भी 70% नंबर मिले। दोनों ने शहर के ही सेंट जोसेफ स्कूल से पढ़ाई की। हालांकि अतीक की मौत के बाद दोनों ने स्कूल जाकर पढ़ाई नहीं की। वह बाल सुधार गृह में रहे और वही से स्कूल जाकर परीक्षा दी थी। वहां इनकी देखरेख अतीक की बहन परवीन अहमद ने की।

अगस्त 2024 में अबहान बालिग हो गया। परवीन ने दोनों बच्चों की कस्टडी अपने पास लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 10 अक्टूबर 2024 को कोर्ट ने दोनों की कस्टडी परवीन अहमद को दे दी। अब ये दोनों बच्चे प्रयागराज के हटवा गांव में रहते हैं। हटवा अतीक के चकिया गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर है। यूपी पुलिस के दो सिपाही इनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। कहीं भी जाने पर पहले प्रशासन से परमिशन लेनी होती है।

जिले के ही एक अधिकारी से हमारी बात हुई। हमने अतीक के इन दोनों बेटों के बारे में पूछा। वह बताते हैं, अबहान की स्कूलिंग पूरी हो गई है, अब वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली जाना चाहता है। साथ ही दूसरा बेटा भी उसी के साथ दिल्ली में ही पढ़ाई करना चाहता है। हम उनकी सुरक्षा को देखते हुए ही आगे फैसला लेंगे। हालांकि प्रयागराज में सुरक्षा अधिक चुनौती है।

शाइस्ता की 6 राज्यों में तलाश अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर उमेश पाल की हत्या में साजिश के अलावा ठगी, आर्म्स एक्ट समेत कुल 7 मुकदमे दर्ज हैं। 200 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति भी है। शाइस्ता के नाम से दो मकान थे, दोनों को ही प्रशासन ने गिरा दिया है। वह 27 फरवरी 2023 से फरार है। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम है।

शाइस्ता की तरह अशरफ की पत्नी जैनब और बहन नूरी भी फरार हैं। इन तीनों को पकड़ने के लिए प्रयागराज, कौशांबी, लखनऊ, बरेली, नोएडा और मेरठ में ताबड़तोड़ छापेमारी हुई, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस की कई टीमों ने दूसरे राज्यों में भी छापेमारी की। पुलिस के साथ ही एसटीएफ, लोकल इंटेलिजेंस और ईडी की टीमें भी इनकी तलाश में लगी हैं।

पुलिस ने इनको लेकर यूपी समेत दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, मुंबई, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना में अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों के एयरपोर्ट पर तीनों महिलाओं की तस्वीर भेजी गई है। इनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हुआ है।

आधार कार्ड के प्रयोग पर नजर रखी जा रही है। 29 दिसंबर 2024 को अतीक के भांजे जका को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, उसने पुलिस को बताया कि उमेश पाल की हत्या के बाद शाइस्ता काफी दिनों तक दिल्ली में ही थी।

तस्वीर उमेश पाल हत्याकांड से पहले की है। जब बसपा ने शाइस्ता परवीन को मेयर का प्रत्याशी बनाया था। हत्याकांड के बाद बसपा ने टिकट काट दिया था।

तस्वीर उमेश पाल हत्याकांड से पहले की है। जब बसपा ने शाइस्ता परवीन को मेयर का प्रत्याशी बनाया था। हत्याकांड के बाद बसपा ने टिकट काट दिया था।

29 अक्टूबर को यूपी पुलिस को शाइस्ता परवीन की लोकेशन ओडिशा में मिली। एसटीएफ ने ओडिशा पुलिस को अलर्ट किया। यहां से भी एक टीम गई, लेकिन शाइस्ता परवीन पकड़ में नहीं आई। एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया था जिसमें गुड्डू मुस्लिम जैसा व्यक्ति दिखा। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि वह कोई और व्यक्ति है। शाइस्ता के विदेश भागने की बात कही गई, लेकिन प्रशासन ने इसका खंडन किया।

शाइस्ता भी अपराध में शामिल रही है अतीक अहमद के खिलाफ सबसे ज्यादा कार्रवाई करने वाले रिटायर्ड IPS लालजी शुक्ल बताते हैं, शाइस्ता भी अतीक के अपराधों में शामिल रही है। 9 अगस्त 1996 को हमने पहली बार अतीक अहमद को गिरफ्तार किया था। असल में उसके भाई अशरफ ने सिविल लाइंस में अशोक साहू नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी थी।

हत्या की वजह महज गाड़ी खड़ी करने का विवाद था। जिस वक्त हमने अतीक और उसके पिता को चकिया वाले घर से गिरफ्तार किया था, उस वक्त उसकी शादी को महज एक हफ्ता हुआ था। शाइस्ता को उस वक्त किसी चीज की जानकारी नहीं थी। कुछ वक्त के बाद शाइस्ता भी उसके रास्ते पर निकल पड़ी। अब शाइस्ता जो कहती, वह अतीक करता था।

मायके में 300 महिलाएं लाठी-डंडे लेकर खड़ी हो गईं अशरफ की पत्नी जैनब और बहन आयशा नूरी शाइस्ता परवीन के साथ नहीं भागी थीं। उमेश की हत्या के कुछ दिन बाद इन दोनों महिलाओं ने रिपोर्टर क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने यूपी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी पर आरोप लगाया था कि शाइस्ता मेयर का चुनाव लड़ने वाली थी, इसलिए पूरे परिवार को फंसाया जा रहा। नंदी पर 5 करोड़ रुपए हड़पने का भी आरोप लगाया, लेकिन जैसे ही इन दोनों महिलाओं का नाम केस में आया, यह भी फरार हो गईं।

जैनब की आखिरी लोकेशन हटवा में मिली। हटवा में उसका मायका है। यह गांव अतीक के चकिया वाले घर से 3-4 किलोमीटर की ही दूरी पर है। यह गांव मुस्लिम गद्दियों का है। पिछले साल जब जैनब की आखिरी लोकेशन यहां मिली तो पुलिस की 6 टीमों ने पूरे गांव को घेर लिया। निगरानी के लिए 2 ड्रोन उड़ाए गए। इसी दौरान गांव की करीब 300 महिलाएं लाठी-डंडे लेकर घर के बाहर निकल आईं।

पुलिस को वापस आना पड़ा। जैनब के खिलाफ कुल 4 मुकदमे हैं। वह भी उमेश पाल हत्याकांड में साजिशकर्ता है। इसके अलावा जैनब पर आरोप है कि उसने सुन्नी वक्फ बोर्ड की 50 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर रखा है। इसकी एफआईआर पूरामुफ्ती थाने में दर्ज है।

पिछले एक साल में कहीं कोई छापेमारी नहीं प्रयागराज में इस साल की शुरुआत में महाकुंभ का आयोजन हुआ। इसकी तैयारी पिछले एक साल से जोर-शोर से चलती रही। चूंकि प्रशासन इसी काम में जुटा रहा, इस दौरान इन तीन महिलाओं को पकड़ने की कोशिशों पर विराम लग गया। पिछले एक साल में कहीं कोई छापेमारी नहीं हुई। कोई ऐसी सूचना नहीं आई, जिसमें प्रशासन का इन तीन महिलाओं को पकड़ने का प्रयास नजर आया हो।

हम इन्हीं सवालों के साथ प्रयागराज के अफसरों से मिले। कुछ इंटेलिजेंस में थे, तो कुछ थाने में जो अतीक के मामले में लगातार एक्टिव रहे हैं। अफसर कहते हैं, शाइस्ता परवीन की हेल्थ ठीक नहीं रहती, वह अक्सर बीमार रहती है। अगर पुलिस ने पकड़ भी लिया और जेल में डाल दिया तो दिक्कत हो जाएगी। हमने पूछा कि वह बीमार है इसकी जानकारी कहां से मिली? वह कहते हैं, बहुत सारी चीजों के बारे में जानकारी नहीं दी जाती।

शाइस्ता की तलाश में उस दौरान कई जगह छापेमारी की गई थी। तस्वीर कौशांबी की है।

शाइस्ता की तलाश में उस दौरान कई जगह छापेमारी की गई थी। तस्वीर कौशांबी की है।

शाइस्ता समेत इन तीनों महिलाओं को पकड़ने के लिए छापेमारी न करने के पीछे एक और वजह सामने आई। अगर इन महिलाओं को पकड़ लिया जाता है तो स्वाभाविक है कि इन्हें लंबे वक्त तक जेल में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट 6 महीने या फिर 1 साल में जमानत दे देगा।

अगर उन्हें जमानत मिलती है तो अतीक गैंग के बाकी लोग भी कोर्ट में इन जमानतों को आधार बनाकर इसके लिए अप्लाई करेंगे। उमेश पाल हत्याकांड में अभी किसी को जमानत नहीं मिली है, इसलिए भी अब इन महिलाओं को पकड़ने के प्रयास बंद हैं।

जहां शाइस्ता और जैनब रहते, वहां अब खंडहर हम चकिया में उस जगह भी पहुंचे जहां 2 साल पहले शाइस्ता परवीन और जैनब रहती थीं। अब सब खंडहर में बदल चुका है। शाइस्ता, जैनब और अतीक से जुड़े 17 लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है।

जैनब के भाई ने वक्फ की जमीन पर आलीशान कोठी बनवाई थी। प्रशासन ने उसका भी सर्वे किया। डुगडुगी बजाकर वह जगह खाली करवाई। आगे अब उसे गिराने की कार्रवाई होगी। अतीक की अब तक करीब 3 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त व कुर्क की गई है।

पार्ट-3 में कल पढ़िए…अतीक मर्डर केस कहां तक पहुंचा

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अतीक ने 3 हजार करोड़ का साम्राज्य बनाया…सब तबाह:प्रयागराज में पुश्तैनी घर तक नहीं बचा, माफिया बनने से खौफनाक अंत तक की कहानी

अतीक अहमद गरीब परिवार में पैदा हुआ। पिता तांगा चलाते थे। 3 कमरों का घर था। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि सभी बच्चों की जरूरत पूरी कर पाएं। 27 साल की उम्र में अतीक निर्दलीय विधायक बन गया। इसके बाद तो मानों उसके हाथ अलादीन का चिराग लग गया हो। खूब संपत्तियां बनाई। आसपास प्राइम लोकेशन पर खाली जमीनों को अपने नाम करवा लिया। किसी को पैसा दिया तो किसी को धौंस दिखाकर शांत करवा दिया। पढ़ें पूरी खबर



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