मंदसौर से करीब 90 किमी दूर गरोठ ब्लॉक स्थित धर्म राजेश्वर मंदिर इतिहास और पुरातत्व के जानकारों को भी अचंभित कर देता है। इसकी वजह है कि यह पूरा मंदिर परिसर एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया था। पुरातत्वविद डॉ. पीके भट्ट के अनुसार ये स्थापत्य करीब 8वीं
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मंदिर में हिंदू व बौद्ध धर्म की मिश्रित संस्कृति दिखती है। कथाओं के अनुसार पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां गुफाओं और मंदिरों का निर्माण किया था। स्मारक के बीच बना शिव मंदिर हिंदू धर्म को भी प्रदर्शित करता है। एक चट्टानी पत्थर पर मंदिर, गर्भगृह से लेकर मूर्ति तक बनाना उस दौर का बड़ा विज्ञान था।
सीधे शिवलिंग पर पड़ती है सूर्य किरण… इस मंदिर में सूर्य की पहली किरण सीधे शिव लिंग पर पड़ती हैं। मंदसौर के ‘सीतामऊ साहित्य महोत्सव’ में आए पद्मश्री से सम्मानित कवि व लेखक अशोक चक्रधर ने बताया कि वे मंदिर के इतिहास के बारे में फिल्म डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर से चर्चा करेंगे। चट्टान पर ऊपर से शुरू होकर नीचे तक मंदिर बनाने का यह अनूठा उदाहरण है। ऐसे में उस दौर की इंजीनियरिंग पर फिल्म बननी चाहिए।