Saturday, April 19, 2025
Saturday, April 19, 2025
Homeराशिफलअप्रैल का कालाष्टमी व्रत कब है? बन रहे 5 शुभ योग, जानें...

अप्रैल का कालाष्टमी व्रत कब है? बन रहे 5 शुभ योग, जानें तारीख, काल भैरव पूजा का मुहूर्त


कालाष्टमी व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करते हैं. इस बार अप्रैल का कालाष्टमी व्रत आने वाला है. अप्रैल कालाष्टमी व्रत वाले दिन 5 शुभ योग बन रहे हैं. इस बार बना सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होगा. इन योग में आप जो कार्य करेंगे, उसमें सफलता की उम्मीद अधिकतम रहेगी. कालाष्टमी व्रत और काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति अकाल मृत्यु के डर से मुक्त हो जाता है. उसके पराक्रम और बल में वृद्धि होती है. काल भैरव की कृपा से व्यक्ति रोग, दोष, तंत्र-मंत्र आदि की नकारात्मकता से दूर होता है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि अप्रैल का कालाष्टमी व्रत कब है? काल भैरव की पूजा का मुहूर्त और शुभ योग क्या हैं?

अप्रैल कालाष्टमी व्रत 2025 तारीख
पंचांग के अनुसार, इस बार 20 अप्रैल को शाम 7 बजे वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शुरू होगी. यह तिथि 21 अप्रैल को शाम 6 बजकर 58 मिनट तक मान्य रहेगी. पूजा मुहूर्त के आधार पर अप्रैल का कालाष्टमी व्रत 20 अप्रैल दिन रविवार को है.

अप्रैल कालाष्टमी व्रत 2025 मुहूर्त
20 अप्रैल को कालाष्टमी व्रत के दिन काल भैरव की पूजा का मुहूर्त रात में 11 बजकर 58 मिनट से देर रात 12 बजकर 42 मिनट तक है. निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा और मंत्र जाप करते हैं. तंत्र और मंत्र की सिद्धि के लिए निशिता मुहूर्त महत्वपूर्ण माना जाता है. इस समय ​सिद्ध योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बना होगा.

ये भी पढ़ें: अक्षय तृतीया पर करना है शुभ कार्य या खरीदना है सोना, यहां देखें पूरे दिन के मुहूर्त और योग

कालाष्टमी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:22 ए एम से 05:06 ए एम तक है. उसके बाद शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:54 ए एम से 12:46 पी एम तक रहेगा.

5 शुभ योग में कालाष्टमी व्रत 2025
कालाष्टमी व्रत पर 5 शुभ योग बनने वाले हैं. सिद्ध सोग, साध्य योग, रवि योग, त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे. उस दिन त्रिपुष्कर योग 11:48 ए एम से शाम 07:00 पी एम तक है. इसमें किए कए कार्य का ​तीन गुना फल प्राप्त होता है.

ये भी पढ़ें: वट सावित्री व्रत कब है? इस दिन क्यों करते हैं बरगद के पेड़ की पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व

सर्वार्थ सिद्धि योग दिन में 11:48 ए एम से अगले दिन 05:49 ए एम तक बनेगा, जबकि रवि योग सुबह 05:50 ए एम से 11:48 ए एम तक रहेगा. रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिटते हैं क्योंकि इसमे भगवान भास्कर का प्रभाव अधिक होता है. व्रत को प्रात:काल से सिद्ध योग बनेगा, जो देर रात 12 बजकर 13 मिनट तक होगा. उसके बाद से साध्य योग प्रारंभ होगा. उस दिन पूर्वाषाढा नक्षत्र 11:48 ए एम तक रहेगा, फिर उत्तराषाढा नक्षत्र है.

कालाष्टमी पर होगी भद्रा
कालाष्टमी व्रत के दिन भद्रा लग रही है, जिसका वास स्थान पाताल लोक में है. उस दिन भद्रा का समय सुबह में 5 बजकर 50 मिनट से लगेगी. इसका समापन सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगा. भद्रा के समय में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं, वरना भद्रा के कारण उसमें रुकावटें आती हैं.



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular