प्रदेश कांग्रेस में संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में संगठन को ज्यादा मजबूत करने के लिए पार्टी राज्य के नौ नगर निगम वाले जिलों में नगर अध्यक्ष का पद सृजित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। शनिवार को प्रदेश प्रभारी के. राजू
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कहा गया कि नगर निकायों के चुनाव में तो इससे संगठन को लाभ होने के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में संगठन काफी मजबूत होगा। वहीं जनता के बीच पैठ बनाने में आसानी होगी। फिलहाल रांची में ही कांग्रेस संग न के हिसाब से दो जिलाध्यक्ष हैं। इसमें एक महानगर और एक ग्रामीण जिला अध्यक्ष हैं। यही फार्मूला अन्य नगर निगम क्षेत्र वाले जिलों में भी अपनाया जाएगा।
संगठन सृजन अभियान पूरा होने के बाद नई प्रदेश कमेटी का होगा गउन
प्रदेश कांग्रेस का पूरे राज्य में संगठन सूजन का कार्यक्रम चल रहा है। इसमें वार्ड से लेकर राज्य स्तर के पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। हर जिले और विधानसभा क्षेत्र में संविधान बचाओ रैली का आयोजन होना है। इन कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद ही नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन होगा। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने पूर्व में ही तीन माह का टास्क जिलाध्यक्षों से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों को दिया था। उसके मूल्यांकन के बाद ही प्रदेश कमेटी का गठन होगा। जुलाई में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन की घोषणा पहले ही प्रदेश प्रभारी कर चुके हैं।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में भेजेंगे प्रस्ताव : केशव महतो कमलेश
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महती कमलेश ने कहा कि राज्य के नगर निगम वाले क्षेत्रों में नगर अध्यक्ष का पद सृजित करने पर चर्चा हुई है। लेकिन, इसके लिए निगम क्षेत्र की आबादी पांच लाख होनी चाहिए। यह स्थिति राज्य के तीन निगम क्षेत्र रांची, धनबाद और जमशेदपुर में ही है। रांची में पहले से ही महानगर अध्यक्ष का पद सृजित है। दो अन्य जिलों धनबाद और जमशेदपुर में महानगर अध्यक्ष पद की स्वीकृति के लिए वे जल्द ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को प्रस्ताव भेजेंगे। वहां से प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
25 जून तक राज्य के 60 मंडल अध्यक्षों का चुन कर भेजी जाएगी सूची
केशव महती कमलेश ने बताया कि जूम मीटिंग के दौरान सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी करीब 300 मंडलों में अध्यक्ष का चुनाव कर उसकी सूची मुख्यालय को सौंपी जाए। जिन स्थानों पर मंडल अध्यक्ष हैं, वहां अगर बदलाव की जरूरत है, तो नए नाम तय किए जाएं और जहां मंडल अध्यक्ष नहीं हैं, वहां नए मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति को जाए।
इसी तरह, पंचायत एवं प्रखंड अध्यक्षों के खाली पदों पर की भी भरना है। बाद में मंडल अध्यक्षों को रांची में ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि वे बीएलओ से मिलकर वोटर कार्ड बनवाने और संशोधित करने में मदद कर सकें। इससे मंडल अध्यक्षों की पहुंच हर वोटर तक हो सकेगी। इसके लिए जिला पर्यवेक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे मंडल अध्यक्षों को ट्रेनिंग दे सके।