मानसून जल्द आने और सप्ताहभर पश्चिमी विक्षोभ तथा अन्य सिस्टम के कारण हुई बारिश ने मई को तरबतर कर दिया। प्रदेश के अधिकांश जिलों में मई के 30 दिनों में नार्मल से बहुत अधिक बारिश हो चुकी है। दंतेवाड़ा में सबसे ज्यादा 2788 फीसदी तक अधिक वर्षा हुई है।
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मौसम विभाग के 29 में से चार जिलों में ही औसत से कम बारिश हुई है। गौरला-पेंड्रा-मरवाही के डेटा नहीं आए हैं। इस तरह 24 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। अभी महीना पूरा होने में एक दिन शेष है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि अब बारिश की गतिविधियों में थोड़ी कमी आएगी। छत्तीसगढ़ में मानसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 10 जून है। यह पिछले कुछ सालों से 12 जून या उसके बाद ही पहुंचता रहा है। इस साल 27 मई यानी सामान्य तारीख से करीब 15 दिन पहले ही मानसून बस्तर पहुंच गया।
लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। यदि इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। यदि इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता है।