टीम ने परिजनों को दी कानूनी समझाइश।
अशोकनगर में अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में प्रशासन ने बाल विवाह रोकने की सफल कार्रवाई की। श्री सिद्ध आश्रम आमखेड़ा तूमैन में आयोजित सामूहिक विवाह में 12 जोड़ों में से 3 नाबालिग जोड़ों की शादी रोकी गई।
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जिला कलेक्टर आदित्य सिंह के निर्देशन में गठित बाल विवाह रोको अभियान की टीमों ने सभी विवाह स्थलों का निरीक्षण किया। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े, जिला विधिक सहायता अधिकारी हेमंत कुशवाह और अन्य अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच की।
दस्तावेजों के चेकिंग में मिले 3 नाबालिग जोड़े परियोजना अधिकारी जितेंद्र तिवारी, इंस्पेक्टर पूनम सेलर और पर्यवेक्षकों की टीम ने दस्तावेजों के परीक्षण में नाबालिग पाए गए तीन जोड़ों को समझाइश देकर विवाह से रोका। श्री सिद्ध आश्रम में 9 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ।
टीम ने परिजनों को समझाया और पंचनामा बनाया।
‘शारीरिक और मानसिक रूप से परिपक्व होना जरुरी’ टीम ने ग्रामीणों को बताया कि विवाह की कानूनी आयु लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष है। उन्होंने समझाया कि इस उम्र से पहले बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से विवाह के लिए परिपक्व नहीं होते।
जुग्या गांव में भी एक बाल विवाह रोका इसी दौरान एक अन्य टीम ने जुग्या गांव में हो रहे एक बाल विवाह को भी रोका। परियोजना अधिकारी जितेंद्र तिवारी और टीम ने परिजनों को समझाया और पंचनामा बनाया। गायत्री मंदिर अशोकनगर में हो रहे विवाहों की भी जांच की गई, जहां सभी दस्तावेज सही पाए गए।