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सिविल सर्जन नवल किशोर ने कहा है कि जिले में असाध्य रोग के इलाज के लिए वे स्वयं पांच लाख रुपये तक की स्वीकृति दे सकते हैं। यह मुख्यमंत्री असाध्य रोग योजना के तहत होता है। पांच लाख से ऊपर और 10 लाख तक के इलाज की स्वीकृति विभाग स्तर से मिलती है। इससे ऊपर के खर्च के लिए कैबिनेट की मंजूरी आवश्यक है। झारखंड सरकार गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब 10 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान कर रही है।उन्होंने कहा कि जिन भी मरीज व उनके परिजनों को योजना का लाभ लेना है वे सीधे सिविल सर्जन अर्थात उनके पास आवेदन दें। आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जांचोपरांत उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लेने के लिए दलालों के चंगुल में नहीं फंसे।