आंगनबाड़ी केंद्र में दरवाजे और खिड़कियां भी नहीं है।
सुपौल में छातापुर प्रखंड अंतर्गत भीमपुर पंचायत के वार्ड 09 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 32 में विभागीय उदासीनता के चलते यहां बुनियादी सुविधाओं का घोर आभाव है। यहां भवन के निर्माण के बाद से कमरों में दरवाजे और खिड़कियां अधूरी हैं।
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परिसर में गंदगी का अंबार लगा रहता है, और शौचालय व चापाकल जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। पहले यह केंद्र गांव के एक जनवितरण प्रणाली विक्रेता के दरवाजे पर संचालित होता था। नए भवन में स्थानांतरित होने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
10 साल से की जा रही शिकायत
सेविका और सहायिका ने बताया कि लगभग 10 साल से विभागीय अधिकारियों से शिकायत की जा रही है, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिलता है। केंद्र की सेविका रेखा देवी और सहायिका अहिल्या देवी ने गुरुवार को जानकारी दी कि शौचालय के अभाव में उन्हें ड्यूटी के दौरान अपने घर जाना पड़ता है। बच्चों को प्यास लगने पर पास के घरों से पानी मांगना पड़ता है।
यह स्थिति न केवल कर्मियों के लिए, बल्कि बच्चों के लिए भी बेहद असुविधाजनक है। इसके अलावा, केंद्र पर भोजन बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल होता है। जलावन की लकड़ी जलाने से उठने वाला धुंआ बच्चों और कर्मियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। सेविका और सहायिका का कहना है कि विभागीय लापरवाही बच्चों की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
जल्द की जाएगी व्यवस्था
छातापुर सीडीपीओ ने कहा कि जल्द ही आंगनबाड़ी केंद्र भवन में शौचालय और चापाकल की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, इस तरह के वादे पिछले कई वर्षों से किए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।