भारी बारिश के बाद सड़कों पर जलजमाव की स्थिति देखने का मिली।
नालंदा में गुरुवार शाम को अचानक मौसम का मिजाज बदला। शाम करीब 4:30 बजे धूल भरी तेज आंधी के साथ बारिश ने तबाही मचा दी। लगभग 50 मिनट तक चली इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल शहरी क्षेत्रों में नुकसान पहुंचाया, बल्कि किसानों की तैयार फसलों को भी बर्बाद कर दिया
.
40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी
आंधी की रफ्तार शुरू में 19 किलोमीटर प्रति घंटा थी जो धीरे-धीरे बढ़कर 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई। इसी कारण नुकसान भी अधिक हुआ। सदर अस्पताल परिसर में एक विशाल पेड़ धराशायी हो गया, जिसकी चपेट में आकर कई वाहन और बाइकें क्षतिग्रस्त हो गईं। कलेक्ट्रेट परिसर में शीशम का पेड़ गिरने से बिजली के तार टूट गए। अस्पताल चौक पर लगे ठेले हवा के कारण उलट गए और चिरागा मेले में लगी अस्थायी दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। एनएच 20 पर पावापुरी के पास होर्डिंग्स गिर गए, जबकि बाबूरबन्ना गांव के पास नीम का एक विशाल पेड़ जड़ से उखड़कर एक गाड़ी पर गिर पड़ा, जिससे वाहन को काफी नुकसान हुआ।
एसएस बालिका स्कूल के पास सड़क पर गिरा पेड़
किसानों की फसल हुईं तबाह
इस आंधी-बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में तैयार गेहूं और मक्के की खड़ी फसलें धरती पर बिछ गईं। जलभराव के कारण कटनी के बाद रखी गेहूं की फसल डूबकर बर्बाद हो गई। स्थानीय किसानों का कहना है कि यह सिर्फ आंधी नहीं, बल्कि एक आपदा है। सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार, हरनौत के रविकांत कुमार, चंडी के वीरेन्द्र कुमार और नूरसराय के जगदीश प्रसाद सहित अनेक किसानों ने सरकार से आंधी-बारिश से हुए नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग की है। एक और समस्या यह है कि मजदूर मिल नहीं रहे हैं और अब हार्वेस्टर से कटाई करने में भी परेशानी होगी क्योंकि मिट्टी में नमी के कारण हार्वेस्टर खेतों में उतर नहीं पाएगा, जितना विलंब कटाई में होगा, उतनी उपज झड़कर बर्बाद हो जाएगी।

गेहूं की कटी फसल हुई बर्बाद।
आम के बागानों को हुआ नुकसान
तेज हवा के कारण आम के बागवानों की उम्मीदें भी धराशायी हो गईं। दीपनगर के बागवान सुरेन्द्र राम, सरथा के उदय कुमार सिन्हा और चैनपुर के सुनील कुमार का कहना है कि करीब 35 से 40 प्रतिशत आम के टिकोले झड़ गए हैं, जिससे इस साल उपज पर व्यापक असर पड़ेगा और स्थानीय आम के लिए ग्राहकों को तरसना पड़ सकता है।
जलभराव और बिजली आपूर्ति बाधित
लगभग एक घंटे तक हुई बारिश ने नगर निगम की व्यवस्था की पोल खोल दी। गर्मी के मौसम में भी शहर की कई सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। अम्बेर चौक, रांची रोड और टेलीफोन एक्सचेंज रोड पर जलभराव होने से वाहन चालकों और स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आंधी और बारिश से जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। अस्पताल रेफरल के पास कई बिजली के खंभे गिर गए और एक ट्रांसफॉर्मर भी उखड़ गया। बाजार समिति के पास ताड़ का पेड़ 33 केवी लाइन पर गिरने से सोहसराय पावर सब स्टेशन की बिजली आपूर्ति ठप हो गई।
गरीबों के घर हुए क्षतिग्रस्त
हिलसा में आंधी के कारण कई गरीब परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हो गए। शहर के योगीपुर रोड स्थित पीएचडी कैम्पस, ब्लॉक कॉलोनी और अनुमंडल कार्यालय में विशाल पेड़ों की बड़ी-बड़ी टहनियां टूटकर गिर गईं। खेतों और खलिहानों में बारिश का पानी भर गया है। शहर के सूर्य मंदिर के पास मिनी जलमीनार की पानी की टंकी भी हवा में उड़ गई, जिससे पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। बेलवा बाग में एक घर पर ताड़ का पेड़ गिरने से मकान को नुकसान पहुंचा, जबकि पटेल नगर में एक घर का छज्जा गिरने से दो मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त हो गईं।
प्रशासन से अपेक्षा है कि वह जल्द से जल्द प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराकर पीड़ितों को उचित मुआवजा प्रदान करे और बिजली एवं पेयजल आपूर्ति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।