छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में गुरुवार शाम चली आंधी ने जमकर तबाही मचाई। 70 से 74 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ऐसी आंधी 10 साल बाद चली है। 2015 में 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली थी।
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इससे गुरुवार को तरपोंगी टोल को पूरी तरह उड़ा दिया। लोहे का स्ट्रक्चर तेज हवा का दबाव नहीं झेल पाया और उड़कर पास में गिर गया। इससे घंटों आवागमन बाधित रहा। हालांकि किसी तरह जनहानि नहीं हुई। कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है। प्रदेशभर में सैकड़ों जगहों पर पेड़ और होर्डिंग्स गिरने से कई घंटों तक ब्लैकआउट की स्थिति रही।
तेज आंधी के बाद बारिश भी हुई। बेमेतरा जिले के राखी जोबा स्थित राइस मिल में आंधी से धान की बोरियां गिर गई, जिसके नीचे दबने से दो मजदूरों की मौत हो गई। पेड़ के नीचे दबने से एक मवेशी की भी जान चली गई। वहीं, रायपुर में देवेंद्र नगर चौक पर धूप, बारिश से बचने के लिए लगा शेड गिर गया। इस हादसे की चपेट में तीन कारें आईं। एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि दो कारों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
इसके अलावा राजधानी में सिविल लाइन में एक स्कूल में सड़क के किनारे लगे तीन गुलमोहर के पेड़ गिर गया। इससे दीवार टूट गई। 50 से ज्यादा स्थानों पर पेड़ और होर्डिंग्स गिरकर इधर-उधर फैल गए। कई सड़कों पर गिरे पेड़ के कारण ट्रैफिक रोक दिया गया। इस वजह से कई जगहों पर बिजली कंपनी के ट्रांसफार्मर फेल हो गए।
बिजली के तारों में पेड़ और होर्डिंग्स गिरने से सप्लाई रुक गई। इससे लगभग आधी राजधानी में घंटों बिजली बंद रही। बिजली कंपनी का मैदानी अमला और नगर निगम का दस्ता व्यवस्था बहाल करने में जुटा रहा। देर रात तक बिजली सप्लाई चालू हुई और पेड़ों को हटाकर सड़कों को साफ किया गया।
इसलिए मौसम बदला
मौसम विज्ञानियों के अनुसार दक्षिण-पूर्व राजस्थान और आसपास के क्षेत्र से होते हुए पश्चिमी मप्र, विदर्भ, मराठवाड़ा तथा आंतरिक कर्नाटक होते हुए केरल तक द्रोणिका बनी हुई है। इसके प्रभाव से रायपुर समेत प्रदेश में कई जगह तेज आंधी चली। इस दौरान हवा की रफ्तार काफी ज्यादा थी।
इधर, आधा दर्जन ट्रेनें देर से चलीं; तीन फ्लाइट लेट और पुणे में फंसे रहे यात्री तूफान की वजह से रायपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 6 पर एक जगह का शेड उड़ गया। रायपुर सिकंदराबाद एक्सप्रेस को एक घंटे देरी से रायपुर से रवाना किया गया। रायपुर आने वाली वंदे भारत सहित आधा दर्जन ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देर से आई। क्योंकि रायपुर आने वाली अप डाउन ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया था। वहीं, विमानों पर भी खासा असर हुआ। इंडिगो की पुणे-रायपुर फ्लाइट रात 12 बजे के बाद भी पुणे से रायपुर के लिए उड़ान नहीं भर पाई थी।
विमान को पुणे एयरपोर्ट में ही खड़ा रखा गया था। सभी यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज में रखा गया था। एयरलाइंस की यह उड़ान पहले शाम 5 और बाद में 7.10 को उड़ान भरने वाली थी। लेकिन बाद में एयरलाइंस ने इसे रात 1 बजे भेजने की बात कही। इधर, रायपुर से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट (6ई2362) शाम 7.10 के बजाय रात 8.40 को रवाना की गई। रायपुर से मुंबई जाने वाली फ्लाइट (6ई5191) शाम 5.55 के बजाय रात 8.10 को गई। इसी तरह रायपुर से बंगलुरू जाने वाली फ्लाइट 7.55 की जगह 8.30 को रवाना की गई।
शाम को तेज हवाओं की वजह से रायपुर पहुंचने वाली फ्लाइट करीब आधे घंटे तक मौसम सामान्य होने के इंतजार में आसमान में चक्कर काटते रहे। मौसम साफ होने के बाद ही विमान को लैंड कराया गया।
देवेंद्र नगर चौक पर शेड गिरा
रायपुर में देवेंद्र नगर चौक पर तेज हवा से शेड गिर गया, जिससे कई कारें दब गईं। किसी को चोट नहीं।
आमतौर पर अप्रैल-मई में थंडर स्ट्रार्म के साथ इस तरह से तेज हवा चलती है। हवा की दिशा में आने वाले टेंपरेरी स्ट्रक्चर उड़ जाते हैं। लोहे के शेड और टोल स्ट्रक्चर उड़ने का कारण संभवत: स्ट्रक्चर में नट-बोल्ट का ढीलापन हो सकता है। कई बार स्ट्रक्चर पुराने होने के कारण उसके ज्वाइंट कमजोर हो जाते हैं। इससे तेज हवा आने पर उसका दबाव झेल नहीं पाते। – डॉ. एमएल साहू, लालपुर मौसम केंद्र के पूर्व निदेशक
आगे क्या – दो-तीन दिन ऐसे रहेंगे हालात
रायपुर समेत प्रदेश में अगले दो-तीन दिनों बारिश और गरज चमक के हालात रहेंगे। हवा की रफ्तार गुरुवार की अपेक्षा थोड़ी सी कम रहेगी। -डॉ. गायत्री वाणी कांची, मौसम विज्ञानी लालपुर केंद्र