अमरावती23 मिनट पहले
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एन. चंद्रबाबू नायडू 27 मार्च को विजयवाड़ा में राज्य सरकार की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने वक्फ प्रॉपर्टीज की सुरक्षा का वादा किया।
27 मार्च को विजयवाड़ा में राज्य सरकार की इफ्तार पार्टी में नायडू ने कहा तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने हमेशा मुसलमानों के साथ न्याय किया है, हम वंचित मुस्लिम परिवारों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने मुसलमानों की आर्थिक स्थिति में बेहतरी के लिए प्रशासन के प्रयासों पर भी जोर दिया और बजटीय आवंटन और कल्याणकारी पहल पर बात की।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान के लिए 2025-26 के बजट में 5,300 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) आज आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में प्रदर्शन करने की तैयारी में है।

हमने वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन किया – चंद्रबाबू नायडू
नायडू ने सरकारी आदेश 43 से जुड़े विवाद पर कहा कि जब GO 43 पेश किया गया, तो अनावश्यक विवाद पैदा हो गया। मामला के अदालत में पहुंचने के बाद, वक्फ बोर्ड के कामकाज में बाधा उत्पन्न हुई। जैसे ही हमारी सरकार ने कार्यभार संभाला, हमने आदेश को रद्द कर दिया और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए बोर्ड का पुनर्गठन किया।
नायडू ने मुस्लिम धार्मिक नेताओं के मानदेय में भी वृद्धि की घोषणा की और कहा कि इमामों को अब 10,000 रुपए मिलेंगे, जबकि मौजानों को 5,000 रुपए दिए जाएंगे।
नायडू पर दोहरा खेल खेलने का आरोप
YSRCP के नेता शेख आसिफ ने चंद्रबाबू नायडू पर “दोहरा खेल” खेलने का आरोप लगाया। शेख आसिफ ने कहा मुख्यमंत्री ने संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया, जबकि आंध्र प्रदेश में वक्फ प्रॉपर्टीज को सुरक्षा देने की बात की, ये मुसलमानों के प्रति “दोहरा दृष्टिकोण” दर्शाता है।
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को कभी भी माफ नहीं करने की बात कही ।
ओवैसी ने कहा कि मुसलमान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे क्योंकि वे भाजपा को शरीयत पर हमला करने की इजाजत दे रहे हैं । अगर ये चार नेता चाहें तो वे विधेयक को रोक सकते हैं, लेकिन वे भाजपा को हमारी मस्जिदों और वक्फ को खत्म करने की इजाजत दे रहे हैं।

वक्फ बिल पर बिहार और आंध्र प्रदेश की राजनीति
नायडू ने 9 मार्च 2024, को भाजपा के साथ गठबंधन किया था। जिसके अनुसार भाजपा को राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से छह और 175 विधानसभा सीटों में से 10 सीटें आवंटित की गईं।
इसके बाद आंध्र प्रदेश में मुस्लिम समूहों ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है, जिसमें समुदाय के मतदाताओं को आगामी चुनावों में TDP को वोट न देने की चेतावनी दी गई है।
मुस्लिम समूहों का मानना था कि भाजपा देश में धर्म के नाम पर लोगों के बीच दरार पैदा कर रही है। वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में जाने पर आबादी में करीब 7% की हिस्सेदारी रखने वाले मुसलमान समुदाय TDP से अलग हो जाएंगे।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA की सरकार है। वहीं आंध्र प्रदेश में भी NDA खेमे के चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री हैं। दोनों पार्टियों के बलबूते ही केंद्र की सरकार चल रही है। अगर ये दोनों दल NDA से अलग हो जाएं तो भाजपा सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
दरअसल, केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 का आंकड़ा जरूरी है। फिलहाल NDA के पास 292 सांसद हैं। यानी बहुमत से 20 ज्यादा।
नीतीश कुमार की JDU के पास 12 और चंद्रबाबू नायडू की TDP के पास 16 सांसद हैं। दोनों का आंकड़ा 28 सांसदों का है। यानी दोनों ने समर्थन वापस लिया तो केंद्र सरकार के पास बहुमत के लिए 8 सांसद कम पड़ेंगे। ऐसे में सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
तमिलनाडु विधानसभा में वक्फ बिल के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था
तमिलनाडु की DMK सरकार ने 27 मार्च को वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रस्ताव के विरोध में कहा- ये बिल मुसलमानों के अधिकारों को खत्म कर देगा। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार बिल वापस ले।
स्टालिन ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार ऐसी योजनाएं ला रही है, जो राज्य के अधिकारों, संस्कृति और परंपरा के खिलाफ हैं। वक्फ संशोधन बिल मुसलमानों के अधिकारों को नष्ट कर रहा है। उन्होंने कहा- संशोधन में कहा गया है कि दो गैर मुस्लिम लोग को वक्फ का हिस्सा होना चाहिए। मुसलमानों को डर है कि यह सरकार का वक्फ संपत्तियों को हड़पने का एक तरीका है और यह धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का देशभर में प्रदर्शन
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) संगठन ने 17 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बिल के विरोध में प्रदर्शन किया था।
26 मार्च को पटना में मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, प्रदर्शन को RJD, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का समर्थन मिला। धरनास्थल पर RJD सुप्रीमो लालू यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे।
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