Monday, June 16, 2025
Monday, June 16, 2025
Homeमध्य प्रदेशआईआईटी इंदौर की स्टडी: रिपोर्ट में मप्र में प्रदूषण का स्तर...

आईआईटी इंदौर की स्टडी: रिपोर्ट में मप्र में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक, प्रदूषण का स्तर मानकों से 8 से 9 गुना ज्यादा – Indore News



तस्वीर भोपाल की है। यहां सड़कों पर उड़ती धूल वायू प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।

मप्र में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। प्रदेशवासी हर साल 70 से 80 दिन बेहद खतरनाक हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। पहले यह साल में 15-25 दिन होती थी। यहां दिल्ली-एनसीआर और उप्र की तुलना में प्रदूषण कम है, लेकिन, मौजूदा स्तर भी चिंताजनक है

.

यह स्टडी एल्सेवियर के टेक्नोलॉजी इन सोसायटी जर्नल में प्रकाशित हुई है। आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. मनीष कुमार गोयल और उनकी टीम की इस स्टडी में पाया कि मप्र में औसत वार्षिक पीएम 2.5 का स्तर 40-45 प्रति घन मीटर में माइक्रोग्राम है, जो राष्ट्रीय मानक (40 प्रति घन मीटर में माइक्रोग्राम) के समान है।

मगर प्रदूषण के चरम दिनों में यह 200-250 प्रति घन मीटर में माइक्रोग्राम तक पहुंच जाता है। आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर प्रो. सुहास जोशी का कहना है, मप्र में प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ के मानकों से 8 से 9 गुना तक ज्यादा है।

इससे महिलाएं अधिक प्रभावित हो रहीं

अध्ययन के मुताबिक महिलाएं वायु प्रदूषण से अधिक प्रभावित हो रही हैं। इसका मुख्य कारण घर के अंदर ठोस ईंधन (लकड़ी, कोयला) से खाना पकाने के कारण होने वाला धुआं है। प्रो. मनीष गोयत बताते हैं, पीएम 2.5 सांद्रता की बढ़ती प्रवृत्ति और इसके गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव, विशेष रूप से महिलाओं पर हो रहे असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पीएम 2.5 का मतलब हवा में मौजूद 2.5 माइक्रो मीटर से भी छोटे कणों से है, जो फेफड़ों और रक्तप्रवाह में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular