नायता मुंडला आईएसबीटी शुरू होकर भी सफल नहीं हो सका। इससे सबक लेकर आईडीए ने तय किया है कि कुमेड़ी आईएसबीटी तभी शुरू करेंगे, जब यहां सारी व्यवस्थाएं कर ली जाएंगी। कुमेड़ी आईएसबीटी के संचालन के लिए कॉन्ट्रैक्टर तय करने मंगलवार को टेंडर ओपन करेंगे। आईएसबी
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200 बसों से करेंगे शुरुआत कुमेड़ी आईएसबीटी से 1500 से अधिक बसों का संचालन होगा। पहले चरण में यहां से 200 बसें उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, भोपाल सहित अन्य मार्गों पर चलेंगी।
सिटी बस, ई-रिक्शा से कनेक्टिविटी देंगे
शहर के प्रमुख स्थानों से सिटी बस, ई-रिक्शा को कुमेड़ी आईएसबीटी तक लाया जाएगा। मेट्रो का स्टेशन भी कुमेड़ी में बनाया गया है। वहीं आईएसबीटी के ठीक पीछे एमआर-5 भी बनकर तैयार हो गया है। इस सीधी रोड से भी लोग बस स्टेशन तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
सीनियर सिटीजन कॉम्प्लेक्स के टेंडर भी खुलेंगे सीनियर सिटीजन कॉम्प्लेक्स के संचालन के लिए भी टेंडर जारी किए गए थे। यह भी कुछ दिनों में खुलने वाले हैं। स्कीम 136 में बने कॉम्प्लेक्स में वरिष्ठजन अपना घर छोड़कर रहना चाहते हैं। आईडीए कार्यालय में 90 से अधिक सीनियर सिटीजन ने यहां शिफ्ट होने की इच्छा जताई है।
नायता मुंडला बस स्टैंड से बसों ने ही दूरी बना ली
आईडीए ने नायता मुंडला में आईएसबीटी बनाकर एआईसीटीएसएल को सौंप दिया है। नायता मुंडला से पालदा तक आने के लिए रोड भी व्यवस्थित नहीं है। पूरी तरह से बसें भी यहां शिफ्ट नहीं हुई थीं। यहां तक पहुंचने के लिए लोक परिवहन की व्यवस्था भी ठीक से नहीं की गई थी। यही कारण है कि यह आईएसबीटी रास नहीं आया।
दिसंबर तक ट्रैफिक शुरू करने का दावा
रिंग रोड के मूसाखेड़ी चौराहा पर बन रहे फ्लायओवर के लिए अब निर्माण एजेंसी ने बीच के सबसे बड़े हिस्से पर गर्डर लॉन्चिंग की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए साइट पर 2 करोड़ की गैन्ट्री क्रेन लगाई गई है। यह सारी प्रक्रिया गर्डर लॉन्च करने के लिए की जा रही है। 15 दिन में गर्डर लॉन्च हो सकती है। इसके बाद स्लैब डालेंगे।
चौराहे के एक हिस्से से दूसरे हिस्से को जोड़ने के लिए जमीन से 50 फीट ऊंचाई पर कॉन्क्रीट का सेतु बनेगा। ब्रिज के दोनों छोर के बीच में सबसे अधिक ऊंचाई पर 80 मीटर की दूरी है। इस 80 मीटर के बीच एक 72 मीटर का स्पान बनेगा, जिसके नीचे से गाड़ियां गुजर सकेंगी। कंपनी द्वारा गर्डर लॉन्चिंग मई के पहले सप्ताह में की जाएगी। गर्डर लॉन्च के बाद ऊपर वाले हिस्से में स्लैब डलेगी और एप्रोच रोड का काम भी साथ-साथ चलेगा। दिसंबर तक ब्रिज तैयार करने का दावा है।
एमपीआरडीसी 67 करोड़ की लागत से यह फ्लायओवर बनवाया जा रहा है। 780 मीटर लंबे इस फ्लायओवर के निर्माण का एक साल पूरा हो चुका है। कंपनी को 2 साल का समय दिया है। काम 55% पूरा हो चुका है।