इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जुड़े चार प्रमुख अस्पतालों में सोमवार को स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ गई, जब करीब 300 आउटसोर्स कर्मचारियों को अचानक हटा दिया गया। इससे एमवाय, सुपर स्पेशियलिटी, एमटीएच और एमआरटीबी अस्पताल में जरूरी सेवाएं प्रभावित हो गईं।
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इन अस्पतालों की बिजली बैकअप, एयर कंडिशनिंग, ऑक्सीजन प्लांट, जल आपूर्ति और एम्बुलेंस जैसी व्यवस्थाएं ठेका कर्मचारियों पर ही निर्भर हैं। अचानक स्टाफ की कमी के चलते सुपर स्पेशियलिटी और एमटीएच अस्पतालों में कई ऑपरेशन टालने पड़े।
सुपर स्पेशियलिटी में सोमवार सुबह एक भी ऑपरेशन नहीं हो पाया, क्योंकि वहां पानी की सप्लाई बंद थी। इसका कारण यह था कि पंप ऑपरेटर को हटा दिया गया था। वहीं एमटीएच अस्पताल में एम्बुलेंस ड्राइवर नहीं मिला, जिससे मरीजों को समय पर नहीं ले जाया जा सका।
यह स्थिति भारत सरकार की यूनिट HITES (एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड) के 12 जून को जारी आदेश के बाद बनी, जिसके तहत इन अस्पतालों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया गया।
डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने सफाई दी कि कर्मचारियों को हटाया नहीं गया, बल्कि उनकी पुनः नियुक्ति की जा रही है। उनका कहना है कि यह स्थिति सिर्फ एक यूनिट तक सीमित है और जल्दी सुलझा ली जाएगी। डॉ. घनघोरिया ने बताया कि कुशल स्टाफ को हटाया नहीं गया, बल्कि उनकी जिम्मेदारी बदलकर उन्हें मल्टीपरपज वर्कर की भूमिका दी गई है। उन्होंने इसे आउटसोर्सिंग कंपनी का आंतरिक निर्णय बताया।