When was Chanakya died and how? आचार्य चाणक्य न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ थे बल्कि शिक्षक, लेखक, अर्थशास्त्री भी थे। उनके पिता का नाम चणक था। वहीं चणक ने ही इन्हें कौटिल्य नाम दिया था। कहते हैं कि राजद्रोह के अपराध में चाणक्य के पिता की हत्या कर दी गई। ऐसे में चाणक्य ने अपना नाम बदलकर विष्णुगुप्त रख लिया, जिससे कि सैनिकों से बचा जा सके और इसी नाम से ही उन्होंने तक्षशिला के विद्यालय में अपनी पढ़ाई को पूरा किया था। लेकिन क्या आप जानते हैं आचार्य चाणक्य की मृत्यु कैसे हुई थी और मृत्यु के समय उनकी उम्र क्या थी।
अगर नहीं, तो आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आचार्य चाणक्य की मौत कैसे हुई थी? पढ़ते हैं आगे…
चाणक्य की मृत्यु कब और कैसे हुई?
- बता दें कि आचार्य चाणक्य की मौत से जुड़े कई उल्लेख मिलते हैं। कहते हैं कि जब आचार्य चाणक्य ने सभी कार्य को पूरा कर लिया तो वह रथ पर सवार होकर मगध से दूर चले गए और वह इतनी दूर जंगलों में चले गए कि उसके बाद वे कभी लौटकर नहीं आए।
- वहीं इसके अलावा कुछ लोगों का यह भी मानना है कि मगध की रानी हेलेना ने आचार्य चाणक्य को जहर दिया और उनको मार दिया। मानते हैं कि हेलेना ने उनकी हत्या करवाई थी।
- वहीं एक और कहानी यह भी है कि बिंदुसार के मंत्री का नाम सुबंधु था जो षड्यंत्र रचता था। उसे राजा और चाणक्य की नजदीकी पसंद नहीं थीं। ऐसे में उसने राजा और चाणक्य के बीच में दूरियां पैदा कर दी। जब दूरियां ज्यादा बढ़ गईं तो एक दिन अच्छा चाणक्य परेशान होकर महल छोड़कर चले गए। हालांकि बाद में राजा को अपनी गलती का पछतावा हुआ था।
- एक कहानी यह भी है कि बिंदुसार के मंत्री से सुबंधु ने षड्यंत्र के चलते आचार्य को जिंदा जलाने की भी कोशिश की थी, जिसमें वह सफल भी हो गए थे और कुछ लोगों का मानना यह भी है कि आचार्य चाणक्य ने खुद अपने प्राण त्याग दिए थे। हालांकि आचार्य चाणक्य की मृत्यु के बारे में जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलटना बाकी है।
- मृत्यु के वक्त आचार्य की उम्र क्या थी, इसको लेकर भी कुछ तथ्य हैं। कुछ लोगों का मानना है मृत्यु के वक्त इनकी उम्र 88 थी। वहीं कुछ लोगो का कहना है कि 92 उम्र में इनकी मृत्यु हुई।
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