Saturday, April 5, 2025
Saturday, April 5, 2025
Homeमध्य प्रदेशआजाद भारत की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती: मप्र के गिरोह ने...

आजाद भारत की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती: मप्र के गिरोह ने उड़ाए थे 5.78 करोड़, तमिलनाडु सीआईडी ने नासा की मदद लेकर गुना-रतलाम से पकड़ा था गिरोह के सातों आरोपियों को – Bhopal News



आठ साल पहले तमिलनाडु के सेलम से चेन्नई जा रही एक्सप्रेस ट्रेन 70 किमी की रफ्तार से दौड़ रही थी। ट्रेन में इंडियन ओवरसीज बैंक के 342 करोड़ रुपए अलग-अलग बॉक्सों में रखे हुए थे। जिनकी हिफाजत के लिए ट्रेन में आधु​निक हथियारों से लैस 18 पुलिसकर्मी भी मौजू

.

स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये सबसे बड़ी ट्रेन रॉबरी की शक्ल में दर्ज है। ये रॉबरी 8 अगस्त 2016 को सेलम चेन्नई इग्मोर एक्सप्रेस ट्रेन में हुई थी। ट्रेन तमिलनाडु के सेलम रेलवे स्टेशन से चेन्नई के लिए रात 9:5 बजे रवाना हुई थी। ट्रेन को अगले दिन अलसुबह 3.55 बजे एग्मोर पहुंचना था। 9 अगस्त को सुबह 11 बजे बैंक अधिकारियों ने डिब्बा खोला, तब तक किसी को कुछ पता भी नहीं था, लेकिन डिब्बे में आती रोशनी देखकर संदेह हुआ।

जांच की तो लोहे की छत को किसी वेल्डिंग या गैस मशीन से काटा गया था। चौड़ाई इतनी थी कि एक आदमी आसानी से उसमें से अंदर आ-जा सकता था। यह जानकार बैंक अफसरों और सुरक्षाबलों में हड़कंप मच गया। डिब्बे में रखे सभी बक्सों की तलाशी ली गई तो पता चला कि चार बॉक्स पूरी तरह खाली थे, जबकि बाकी बॉक्स से नोट निकाले गए थे। बाद में सारे बॉक्स की गिनती हुई तो पता चला 5 करोड़ 78 लाख रुपए गायब हैं।

इस ट्रेन रॉबरी को सुलझाने में तमिलनाडु सीआईडी को तकरीबन 730 दिन लगे। 2000 से अधिक लोगों से पूछताछ हुई। सैकड़ों संदिग्धों पर नजर रखी गई। लाखों कॉल डिटेल खंगाले गए। मामले को सुलझाने में जीआरपी, आरपीएफ के बाद सीआईडी की मदद ली गई। आखिरकार नासा की मदद से आरोपी गुना और रतलाम से पकड़े गए। ये सभी पारधी थे।

सेलम चेन्नई इग्मोर एक्सप्रेस ट्रेन में रखे थे इंडियन ओवरसीज बैंक के 342 करोड़ रुपए

दो साल तक चली थी छानबीन

तमिलनाडु सरकार ने केस सीआईडी को सौंप ा। पूरे 2 साल तक छानबीन चली। रेलवे कर्मियों से लेकर पार्सल कर्मचारियों तक को जांचा गया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। सलेम से लेकर चेन्नई तक के पुलिस को अलर्ट कर दिया गया। पल-पल की जानकारी जुटाई गई। आखिर में आईटी एक्सपर्ट्स की मदद से सेलम से चेन्नई के बीच जितने भी मोबाइल नंबर एक्टिव थे, उनको खंगाला गया। उनमें 5 संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले।

अमेरिकी से ली गई थी मदद

मामले को सुलझाने के लिए तमिलनाडु सरकार ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मदद ली। घटना से जुड़े फोटो और वीडियो क्लिपिंग निकलवाई। जिसके आधार पर पुलिस संदिग्धों तक पहुंची। नासा से मिली जानकारी से पता लगा कि सेलम से विरधाचलम के बीच डकैती को अंजाम दिया गया। सेटेलाइट तस्वीरों और मोबाइल नंबरों से ये साफ हो गया कि ट्रेन में डकैती करने वाले डकैतों का मध्यप्रदेश कनेक्शन हैं।

रॉबरी से पहले 8 दिन की थी रैकी… सीआईडी ने मप्र पुलिस से संपर्क साधा। सेटेलाइट तस्वीरों, संदिग्ध मोबाइल नंबरों से पता लगा कि ये काम पारधी गिरोह का है। तमिलनाडु पुलिस अक्टूबर 2018 में गुना आई। संदेहियों के बारे में पता लगा कि वे गुना जेल में बंद हैं। मोहर सिंह पारदी, रूसी पारदी, महेश पारदी, कालिया उर्फ कृष्णा तथा बिल्टिया पारदी को पुलिस तमिलनाडु ले गई। वहीं रतलाम जिले के दिनेश और रोहन को भी तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपियों ने 8 दिन लगातार ट्रेन में रेकी की थी।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular