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श्रीनगर4 मिनट पहले
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अमित शाह सोमवार को BSF जवानों से मिले और शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ मुलाकात की।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू और कश्मीर दौरे का आज तीसरा और आखिरी दिन है। शाह आज श्रीनगर स्थित राजभवन में 2 महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। पहली बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद राज्य की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की जाएगी। शाह मंगलवार को श्रीनगर से वापिस दिल्ली लौट जाएंगे।
सोमवार को दौरे के दूसरे दिन शाह LoC और कठुआ में BSF की चौकी गए। जहां उन्होंने मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था और हालात का जायजा लिया। फिर शहीदों के परिवारों से राजभवन में मिले और अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी बांटे।
इससे पहले 6 अप्रैल (रविवार) को पहले दिन शाह ने BJP विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। इस दौरान गृह मंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा हमारी नीति का हिस्सा है और इसे उचित समय पर बहाल किया जाएगा। बता दें कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद अमित शाह का यह पहला दौरा है।
अमित शाह के दौरे की 3 तस्वीरें

शाह ने सोमवार को कठुआ में बॉर्डर आउटपोस्ट ‘विनय’ का दौरा किया। BSF जवानों के बातचीत की।

शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ मुलाकात की और अनुकंपा के आधार पर 9 नामांकित व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र सौंपे।

दौरे के पहले दिन रविवार को भाजपा विधायकों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
शाह बोले- कुछ ही सालों में जवान टेक्नोलॉजी से लैस हो जाएंगे अमित शाह ने सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों के साथ बातचीत में कहा- कुछ ही सालों में पूरी भारत-पाक और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सुरक्षा बल के जवान तकनीकी सहायता से लैस हो जाएंगे। तकनीक से संबंधित 26 से अधिक कई कदमों के परीक्षण अभी चल रहे हैं, जिनमें ड्रोन रोधी तकनीक, टनल आइडेंटिफिकेशन तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस जैसी चीजें शामिल हैं।
इससे पहले रविवार को अपने दौरे के पहले दिन शाह ने BJP विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा- केंद्र सरकार सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकवाद और घुसपैठ को लेकर सख्त रणनीति बना रही है। शाह ने कहा-

कुछ जिलों के ऊपरी इलाकों में आतंकियों की मौजूदगी को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, उस पर जवाबी कार्रवाई तेजी से चल रही है। सुरक्षा बल लगातार काम कर रहे हैं। स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा।
राज्यसभा में शाह बोले- मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की नींव रखी अमित शाह ने 19 मार्च को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा में कहा था कि जम्मू कश्मीर में 2004 से 2014 के बीच 7,217 आतंकी घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2014 से 2024 के बीच यह घटकर 2,242 रह गईं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में नागरिकों की मौत में 81% की कमी, सुरक्षाकर्मियों की शहादत में 50% की कमी और पत्थरबाजी की घटनाएं अब पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। वहीं, 2004 में जहां 1,587 आतंकी घटनाएं हुई थीं।
शाह ने कहा- 2024 में केवल 85 घटनाएं हुईं। 2004 में 733 नागरिक मारे गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 26 रह गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की नींव रखी है और अब सरकार आतंकियों को कड़ा और सीधे जवाब देती है।
गृहमंत्री ने आगे कहा- जम्मू-कश्मीर में विपक्ष के 33 साल के शासनकाल में वहां सिनेमाहॉल ही नहीं खुलते थे। हमने 2019 में आर्टिकल 370 हटाया। जी-20 की बैठक में दुनियाभर के राजनयिक वहां गए। हमने वहां सफलतापूर्वक चुनाव करवाए। एक गोली तक नहीं चली।

राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर शाह की 4 बड़ी बातें
- शाह ने कहा, ‘पहले जम्मू कश्मीर में आतंकी आते थे और कोई त्योहार नहीं होता था, जब हमले नहीं होते थे। मोदीजी के आने के बाद भी हमले हुए। उरी और पुलवामा में हमला हुआ। 10 दिन में पाकिस्तान में घर में घुसकर एयर स्ट्राइक कर जवाब दिया गया। इस तरह की कार्रवाई करने वाले दुनिया में इजराइल और अमेरिका की सूची में महान भारत का नाम जुड़ गया।
- कन्याकुमारी से कश्मीर तक मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में यात्रा निकली थी। हमें लाल चौक जाने की परमिशन नहीं मिल रही थी। हमने जिद की तो सेना की सुरक्षा में जाना पड़ा और आनन-फानन में तिरंगा फहराकर आना पड़ा। उसी लाल चौक पर कोई घर ऐसा नहीं था जिस पर हर घर तिरंगा अभियान में तिरंगा न हो।
- हमने कई ऐसे कदम उठाए जिसकी वजह से आतंकियों से भारतीय बच्चों के जुड़ने की संख्या करीब-करीब शून्य हो गई है। आतंकी जब मारे जाते थे, बड़ा जुलूस निकलता था। आज भी आतंकी मारे जाते हैं और जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं।
- घर का कोई आतंकी बन जाता था और परिवार के लोग आराम से सरकारी नौकरी करते थे। हमने उनको निकालने का काम किया। आतंकियों के परिवार के लोग बार काउंसिल में बैठे थे और प्रदर्शन होने लगता था। आज वो श्रीनगर या दिल्ली की जेल में हैं।
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शाह बोले- कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप पर पड़ा होगा; कहा- शासकों को खुश करने के लिए लिखे गए इतिहास

गृह मंत्री अमित शाह ने 2 जनवरी को दिल्ली में ‘जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख थ्रू द एजेस’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा, ‘हम जानते हैं कि कश्मीर को कश्यप की भूमि के नाम से जाना जाता है, शायद हो सकता है कि उनके नाम से कश्मीर का नाम पड़ा हो। इतिहासकारों ने कश्मीर का इतिहास पुस्तकों के जरिए बताने की कोशिश की। मेरी इतिहासकारों से अपील है कि प्रमाण के आधार पर इतिहास लिखें।’ उन्होंने कहा, ‘150 साल का एक दौर था, जब इतिहास का मतलब दिल्ली दरीबा से बल्ली मारान तक और लुटियन से जिमखाना तक था। पूरी खबर पढ़ें…