उरी में सैनिकों पर आतंकी हमला हुआ, तो भारत ने 11वें दिन PoK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। पुलवामा में CRPF काफिले पर आतंकी हमला हुआ, तो भारत ने 13वें दिन बालाकोट के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। अब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों
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पहलगाम का बदला लेने के लिए भारत ने मिसाइल स्ट्राइक ही क्यों चुनी, ये ज्यादा सटीक और घातक कैसे है और भारत ने कैसे लिया था उरी और पुलवामा का बदला;; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में…
सवाल-1: पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने कैसे लिया?
जवाब: भारत ने पगलगाम आतंकी हमले के 15वें दिन आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। इसका नाम दिया है ‘ऑपरेशन सिंदूर’। ये नाम उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके घर के पुरुषों की पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार आधी रात के बाद पाकिस्तान और पीओके, यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर मिसाइल स्ट्राइक की। इस हमले में 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डॉयरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर को पूरी रात मॉनिटर करते रहे।
पहलगाम हमले के बाद PM मोदी ने ट्वीट कर कहा था, ‘इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा… उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनकी बुरी मंशा कभी सफल नहीं होगी। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अटल है और यह और मजबूत होगा।’
सवाल-2: पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने मिसाइल स्ट्राइक ही क्यों चुनी?
जवाब: भारत ने सीमा पार आतंकी ठिकानों और सैन्य कैंपों के सटीक को-ऑर्डिनेट्स यानी लोकेशन तय करके मिसाइल हमले किए। इन्हें रोक पाना पाकिस्तान के लिए लगभग नामुमकिन था।
अब तक की जानकारी के अनुसार, ये स्ट्राइक एयरफोर्स के राफेल जेट्स में लगी SCALP-EG मिसाइल और हैमर बम से अंजाम दी गई है। SCALP-EG (स्टॉर्म शैडो) एक लंबी दूरी की एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल है। भारत ने इसे राफेल लड़ाकू विमानों के साथ खरीदा है।
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के मुकाबले मिसाइल अटैक चुनने की 3 बड़ी वजहे हैं…
- SCALP-EG जैसी क्रूज मिसाइल इतनी नीचे और तेज उड़ती है कि इन्हें ट्रैक करना और रोक पाना पाकिस्तान के लिए लगभग नामुमकिन है।
- ऐसे मिसाइल अटैक इतने सटीक होते हैं कि सीधा टारगेट को हिट करते हैं। कोलैटरल डैमेज की संभावना बेहद कम हो जाती है।
- मिसाइल अटैक को भारत की सीमा में रहकर लॉन्च किया जा सकता है। एयरस्ट्राइक में फाइटर जेट्स के शूटडाउन का खतरा होता है और सर्जिकल स्ट्राइक में कमांडोज के पकड़े जाने का, लेकिन मिसाइल स्ट्राइक में ऐसा कोई खतरा नहीं होता।
ORF के विवेक मिश्र कहते हैं कि अब देश अपने सैनिकों को सीधे जंग के मैदान में तभी उतारते हैं, जब मैदान पर उनकी जीत पक्की होती है, उससे पहले तक ताकतवर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और मानवरहित हथियारों की मदद से दुश्मन के ठिकानों पर हमले किए जाते हैं। भारत ने भी वही किया।

लाहौर से 30 किमी दूर मुरीदके के आतंकी ठिकाने में भारत की मिसाइल स्ट्राइक के बाद का मंजर। (फोटो- AFP)
सवाल-3: अब आगे क्या होगा, क्या भारत-पाक में जंग छिड़ सकती है?
जवाब: भारत ने भले ही आतंकी ठिकानों पर मिसाइल स्ट्राइक की है, लेकिन पाकिस्तान इसे एक्ट ऑफ वार बता रहा है। ऐसे में वो जवाबी कार्रवाई कर सकता है। हालांकि अभी ये कार्रवाई जंग का मोर्चा खोलने जैसी नहीं होगी। पाकिस्तान भी सीमित जवाबी कार्रवाई ही करेगा। हालांकि, इससे हालात बिगड़ सकते हैं। हालात बिगड़े तो बात जंग तक पहुंच सकती है।
हालांकि, विवेक मिश्र कहते हैं,

पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने फंड देने से मना कर दिया है। उसकी माली हालत खराब है, इसलिए वह फिलहाल यह नहीं चाहेगा कि यह तनाव जंग में बदल जाए। वह जानता है कि जंग की नौबत आई तो उसके पास लंबे समय तक लड़ने के लिए गोला-बारूद और पैसा नहीं है।
सवाल-4: उरी आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने कैसे की थी सर्जिकल स्ट्राइक?
जवाब: 18 सितंबर 2016 की सुबह करीब साढ़े पांच बजे। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में स्थित इंडियन आर्मी के 12वीं ब्रिगेड हेडक्वार्टर में 4 आतंकी दाखिल हुए। ग्रेनेड और एके-47 से सो रहे जवानों पर हमला कर दिया। सिर्फ 3 मिनट में 17 ग्रेनेड फेंककर टेंटों में आग लगा दी। इसमें 13 जवान शहीद हो गए।
आतंकियों ने एक ग्रेनेड टेंट्स के पास रखे ऑयल बैरल्स पर भी फेंका, जिससे धमाका हो गया। तभी डोगरा रेजिमेंट के 19 साल के जवान की नजर आतंकियों पर पड़ी और वो अकेले ही आतंकियों से भिड़ गया। जवान ने एक आतंकी को मार गिराया। तभी अन्य जवान भी आ पहुंचे। करीब 6 घंटे चली गोलीबारी में चारों आतंकी मारे गए।

उरी हमले में 18 सैनिक शहीद हुए और 30 जवान घायल हो गए।
आतंकियों के पास मिले हथियार और GPS सेट से साफ था कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार की तरह इस हमले से इनकार कर दिया।
भारत का एक्शनः सर्जिकल स्ट्राइक से लिया उरी में शहीदों का बदला
- हमले के बाद पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और आर्मी चीफ रहे जनरल दलबीर सिंह सुहाग श्रीनगर पहुंचे। कश्मीर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की बात कही।
- इस पर मनोहर पर्रिकर ने सतीश दुआ से कहा, ‘इस सैन्य कार्रवाई में वहां (पाकिस्तान) पर किसी नागरिक की जान न जाए और साथ ही इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले किसी भी सैनिक की जान न जाए।’
- सतीश दुआ ने कहा, ‘आम नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी तो दी जा सकती है, लेकिन युद्ध में सिपाहियों की जान की कोई गारंटी नहीं होती।’ मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक की इजाजत देते हुए मराठी में सिर्फ एक ही लफ्ज कहा- बरोबर।
- इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, NSA अजीत डोभाल और आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ हाई लेवल इमरजेंसी मीटिंग की। इसमें सर्जिकल स्ट्राइक को मंजूरी मिल गई।
- इसके लिए 9 पैरा स्पेशल फोर्स और 4 पैरा स्पेशल फोर्स के 25 कमांडो को चुना गया। इसके अलावा 125 स्पेशल कमांडो LoC पर बैकअप के लिए तैनात किए गए।
- 28 सितंबर की रात साढ़े आठ बजे दोनों पैरा स्पेशल फोर्स की 4 टीमें LoC पार कर PoK में दाखिल हो गईं। 4 पैरा SF कमांडोज कुपवाड़ा से PoK में दाखिल हुए, जबकि 9 पैरा SF कमांडोज पुंछ से गए। आतंकियों के लॉन्च पैड पर पहुंचते-पहुंचते रात गुजरने लगी।
- 9 पैरा कमांडोज दुश्मन के ठिकाने पर पहुंच गए और हमला शुरू कर दिया, जिससे कुछ आतंकी फौरन मारे गए। बाकी बचे आतंकियों को आधे घंटे में खत्म कर दिया और LoC की ओर लौट आए।
- वहीं, 4 पैरा SF कमांडोज को टारगेट तक पहुंचने के लिए PoK के काफी अंदर तक जाना था, इसलिए उन्हें पहुंचने में सुबह हो गई। इस टुकड़ी के कमांडोज दो टीमों में बंट गए। जरा भी देर न करते हुए कमांडोज ने गोलीबारी शुरू कर दी। यहां उन्होंने दुश्मन के लॉन्च पैड्स और गोला-बारूद को भी निशाना बनाया।
- ऑपरेशन पूरा कर कमांडोज वापस लौटे, तो एक कमांडो का पैर लैंड माइन्स पर पड़ गया, जिससे दो कमांडोज घायल हो गए। जैसे ही यह टुकड़ी LoC पहुंची तो पीछे से पाकिस्तान आर्मी ने गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन बैकअप की वजह से पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा और ऑपरेशन कामयाब हुआ।
- इस पूरे ऑपरेशन को इतना सीक्रेट रखा गया कि इसे कोई नाम नहीं मिला। भारतीय मीडिया ने इसे कहा- ‘उरी सर्जिकल स्ट्राइक।’
सवाल-5: पुलवामा में 40 CRPF जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारत ने कैसे की थी बालाकोट एयरस्ट्राइक?
जवाब: 14 फरवरी 2019 को दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही थी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी CRPF का काफिला गुजर रहा था। 78 गाड़ियों के काफिले में करीब 2500 जवान थे, जो श्रीनगर जा रहे थे। दोपहर के करीब सवा तीन बज चुके थे और श्रीनगर पहुंचने में महज आधा घंटा बचा था।
इसी रास्ते में दो आतंकी शाकिर बशीर और आदिल अहमद डार काफिले का इंतजार कर रहे थे। नेशनल हाईवे 44 पर जैसे ही काफिला टारगेट लोकेशन पर पहुंचा तो आदिल अहमद डार एक नीले रंग की मारुति इको वैन लेकर काफिले की तरफ बढ़ा।
हाईवे पर तैनात सब इंस्पेक्टर मोहनलाल ने काफिले में तेज रफ्तार कार देखी तो वह हमले को भांप गए। वे अपनी राइफल को लोड कर कार की तरफ भागे। आतंकी ने अपनी कार 5 नंबर की बस से टकरा दी और डैशबोर्ड पर लगे डेटोनेटर का स्विच दबा दिया। कार में रखा 200 किग्रा. RDX फट गया।
पांचवी बस के परखच्चे उड़ गए और इसकी चपेट में दूसरी गाड़ियां भी आ गईं। आसपास के घरों के शीशे टूट गए और सड़क पर गहरा गड्ढा बन गया। मोहनलाल समेत 40 CRPF जवान शहीद हो गए और 70 से ज्यादा जवान बुरी तरह जख्मी हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली।

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद मौके पर CRPF जवान।
भारत का एक्शनः बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर जैश के ठिकाने तबाह किए
- 15 फरवरी को एयर चीफ मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ ने केंद्र सरकार के सामने PoK में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक का प्रपोजल रखा। सरकार ने इसे मंजूरी दे दी। 16 से 26 फरवरी तक एयर फोर्स ने हमले की तैयारी की। वन स्क्वॉड्रन टाइगर्स और 7 स्क्वॉड्रन बैटल एक्सेस के जवानों को एयर स्ट्राइक के लिए चुना। इसे नाम दिया- ‘ऑपरेशन बंदर’।
- 26 फरवरी की सुबह साढे तीन बजे 12 मिराज-2000 फाइटर जेट्स ने PoK में घुसने के लिए उड़ान भरी। कुछ ही देर में फाइटर जेट्स बालाकोट और खैबर पख्तूनख्वाह स्थित आतंकी कैंप पर पहुंच गए और हमला करना शुरू कर दिया। यह पूरा ऑपरेशन करीब 21 मिनट चला, जिसमें एयरफोर्स ने 1 हजार किग्रा. स्मार्ट बम गिराए। इसमें सैकड़ों आतंकी मारे गए और जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप तबाह किए जाने के दावे हुए।
- इसके जवाब में 27 फरवरी को पाकिस्तान की एयरफोर्स ने LoC में घुसकर हमला करने की कोशिश की, इस दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने MIG-21 फाइटर जेट से पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट को मार गिराया। इस हमले में उनका जेट खराब हो गया और उन्हें पैराशूट से PoK में लैंड करना पड़ा।
- पाकिस्तानी आर्मी ने अभिनंदन को पकड़ लिया, लेकिन भारत के डिप्लोमैटिक एक्शन के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा। 1 मार्च 2019 को पाकिस्तान ने अभिनंदन को सुरक्षित भारत को लौटा दिया।
- इसके बाद भारत ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म किया। पाकिस्तान से भारत निर्यात किए जाने वाले सामान पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 200% कर दी।
- भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की। 1 मई 2019 को यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल यानी UNSC ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया।
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आखिरकार भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर ही दी। इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार आधी रात के बाद पाकिस्तान और पीओके, यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर एयर स्ट्राइक की। पढ़िए पूरी खबर…