Friday, March 14, 2025
Friday, March 14, 2025
Homeराजस्थानआज का एक्सप्लेनर: सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी का मिशन...

आज का एक्सप्लेनर: सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी का मिशन फिर टला, क्या इलॉन मस्क भी उन्हें अंतरिक्ष से नहीं ला पाएंगे


12 मार्च 2025। NASA के केनेडी स्पेस सेंटर में सारी तैयारियां हो चुकी थीं। स्पेस-एक्स के रॉकेट में 4 एस्ट्रोनॉट सवार हो चुके थे। 9 घंटे के सफर के बाद इन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचना था और वहां से सुनीता विलियम्स की वापसी होनी थी, लेकिन ऐन मौके प

.

एकबार फिर क्यों टला सुनीता की वापसी का मिशन, अब धरती पर कब लौट पाएंगी और दुनिया के सबसे अमीर शख्स इलॉन मस्क भी इन्हें वापस क्यों नहीं ला पा रहे; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: सुनीता विलियम्स की वापसी का लेटेस्ट प्लान क्या था, जो टल गया? जवाब: अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ मिलकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर वापस लाने का प्लान बनाया है। इसके लिए स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल किया जाना है।

इस मिशन को 12 मार्च को फ्लोरिडा स्थित NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाना था। इसमें स्पेसएक्स के रॉकेट फाल्कन 9 को अंतरिक्ष में भेजा जाता, जिसमें चार अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होते।

फ्लोरिडा स्थित NASA के केनेडी स्पेस सेंटर पर फाल्कन-9 रॉकेट।

इनमें दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के टाकुया ओनिशी (JAXA) और रूस के के अंतरिक्ष यात्री किरिल पेस्कोव (रोस्कोस्मोस) शामिल हैं। ये चारों पिछले 9 महीने से स्पेस स्टेशन में फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की जगह लेंगे।

स्पेस स्टेशन का हैंडओवर देने के बाद सुनीता विलियम्स और अन्य 3 साथी 16 मार्च को स्पेस स्टेशन से रवाना होते, लेकिन अब यह मिशन 2 दिन के लिए टल गया है।

सवाल-2: स्पेसएक्स के फाल्कन-9 में क्या खराबी आई, जिससे लॉन्चिंग नहीं हुई? जवाब: स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के ग्राउंड क्लैम्प आर्म के साथ हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी आ गई। इसकी मदद से रॉकेट को लॉन्च पैड पर सीधा खड़ा किया जाता है और उसे टेकऑफ के लिए एनर्जी मिलती है।

इस सिस्टम में खराबी की वजह से मिशन को लॉन्च के एक घंटा पहले टाल दिया गया। इसके बाद ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स समेत सभी 4 एस्ट्रोनॉट्स ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकले। NASA और स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘क्रू-10 मिशन के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने को रद्द कर दिया गया है।’

सवाल-3: तो क्या सुनीता विलियम्स कभी धरती पर नहीं लौट पाएंगीं? जवाब: सुनीता की वापसी तय प्लान के मुताबिक ही होगी, सिर्फ इसमें 2 दिनों की देरी हो रही है। NASA के मुताबिक, अब फाल्कन-9 रॉकेट को अमेरिकी समयानुसार 14 मार्च की शाम 7.03 बजे लॉन्च किया जाएगा। भारत में उस समय 15 मार्च की सुबह के 4 बज रहे होंगे।

NASA ने बताया कि रॉकेट अमेरिकी समयानुसार 15 मार्च को रात 11.30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉकिंग करेगा। भारत में उस समय 16 मार्च की सुबह के करीब 7 बज रहे होंगे।

इससे पहले NASA 13 मार्च को मिशन शुरू करने की तैयारी में था, लेकिन तेज हवाओं और बारिश के पूर्वानुमान की वजह से मिशन टालना पड़ा। इस दौरान टीम तकनीकी समस्या को जल्द से जल्द सुधारने का काम कर रही है।

अगर सब कुछ ठीक रहा तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 19 मार्च तक धरती पर वापस आ जाएंगे।

सवाल-4: 9 महीने से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता को किन मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है? जवाब: सुनीता और बुश सिर्फ 8 दिनों के लिए स्पेस में गए थे, लेकिन अब उन्हें 274 दिनों से ज्यादा समय तक रुकना पड़ रहा है। इतने लंबे समय में कई बार एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस के खतरनाक रेडिएशन, जीरो ग्रैविटी में रहने के प्रभाव जैसी समस्याएं होने का खतरा होता है। सुनीता और बुश को मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी हो सकती हैं।

सवाल-5: आखिर दुनिया के सबसे अमीर शख्स मस्क भी सुनीता को वापस क्यों नहीं ला पा रहे? जवाब: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पेस एक्स के CEO इलॉन मस्क से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर को वापस लाने का काम सौंपा था।

ट्रम्प ने जनवरी में सोशल मीडिया पर लिखा- मैंने मस्क से उन दो ‘बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों’ को वापस लाने को कहा है। इन्हें बाइडेन प्रशासन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। वे अंतरिक्ष स्टेशन पर कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं। मस्क जल्द ही इस काम में लग जाएंगे। उम्मीद है कि सभी सुरक्षित होंगे।

इसके बाद 12 फरवरी को अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर करते हुए सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को धरती पर वापस लाने का ऐलान किया। NASA ने लिखा, इस मिशन के लिए पुराना स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल किया जाएगा।

एक्सपर्ट्स का कहना है, ‘इलॉन मस्क ने राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश के फौरन बाद ही इस मिशन पर काम शुरू कर दिया था। इसके लिए पहले नए कैप्सूल को बनाने की बात हुई थी, लेकिन देरी की वजह से पुराने ड्रैगन कैप्सूल का ही इस्तेमाल करना पड़ा। ऐसा नहीं है कि मस्क सुनीता को वापस लाने में नाकाम साबित हो रहे हैं, क्योंकि इस मिशन में देरी की वजह तकनीकी दिक्कतें हैं।’

सवाल-6: ISS से धरती तक वापसी के सफर में क्या-क्या खतरे हैं? जवाब: ISS से धरती की दूरी 400 किमी है। धरती से पृथ्वी का वायुमंडल आसमान की ओर 100 किमी दूर है। ISS से धरती पर पहुंचने के लिए लगभग 3 घंटे का समय लगता है। ISS से निकलने के बाद सुनीता और बुच का स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल यानी एटमॉस्फियर में एंटर करेगा, जिसे ‘रीएंट्री’ कहते हैं। यह प्रोसेस सबसे ज्यादा खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है…

सवाल-7: धरती पर लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को क्या-क्या परेशानी आ सकती है? जवाब: 9 महीने बाद अंतरिक्ष से वापस धरती पर आने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है…

1. धरती पर चलना भूल जाना 1 मार्च 2016 को अमरीकी एस्ट्रोनॉट स्कॉट केली और रूसी एस्ट्रोनॉट मिखाइल कॉर्निएंको अंतरिक्ष में 340 दिन बिताकर धरती पर वापस लौटे। स्पेसक्राफ्ट से बाहर निकलते समय उनकी हालत काफी खराब दिखी। स्कॉट केली ने एक इंटरव्यू में बताया कि धरती पर लौटने के बाद वे ठीक से चल नहीं पा रहे थे।

स्पेसक्राफ्ट से बाहर आने के बाद एस्ट्रोनॉट स्कॉट ठीक से खड़े नहीं हो सके। उनके साथी उन्हें उठाकर ले जाते हैं।

स्पेसक्राफ्ट से बाहर आने के बाद एस्ट्रोनॉट स्कॉट ठीक से खड़े नहीं हो सके। उनके साथी उन्हें उठाकर ले जाते हैं।

ऐसे में लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की वजह से मांसपेशियां कमजोर होने लगती है क्योंकि अंतरिक्ष में ग्रैविटी नहीं होने से मांसपेशियों को काम करने की जरूरत नहीं होती। वहां एक तरह से एस्ट्रोनॉट्स उड़ते रहते हैं। हर महीने हड्डियों का घनत्व 1% कम हो जाता है। इससे खासतौर पर पैर, पीठ और गर्दन की मांसपेशियों पर इसका ज्यादा असर पड़ता है। इस वजह से एस्ट्रोनॉट्स को धरती पर वापसी के लंबे समय तक चलने फिरने में परेशानी होती है।

2. खड़े होने में परेशानी, अचानक जमीन पर गिर जाना 21 सितंबर 2006 को अमेरिकी एस्ट्रोनॉट हेडेमेरी स्टेफानीशिन-पाइपर (Heidemarie Stefanyshyn-Piper) शटर अटलांटिस मिशन के तहत 12 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर धरती पर वापस लौटीं थीं। उनके लिए एक स्वागत समारोह रखा गया था। जैसे ही उन्होंने मंच पर बोलना शुरू किया तो उनके पैर लड़खड़ाने लगे और वो अचानक गिर पड़ीं।

एस्ट्रोनॉट हेडेमेरी स्टेज पर बोलते समय अचानक लड़खड़ाकर गिर गईं।

एस्ट्रोनॉट हेडेमेरी स्टेज पर बोलते समय अचानक लड़खड़ाकर गिर गईं।

कानों और मस्तिष्क में एक वेस्टिबुलर सिस्टम (Vestibular System) होता है, जो हमारे शरीर को बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है। अंतरिक्ष में ग्रैविटी नहीं होने के कारण यह सिस्टम सही से काम नहीं करता।

ऐसे में जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटते हैं, तो कुछ दिनों तक उन्हें खड़ा होने, संतुलन बनाने और शरीर के विभिन्न अंगों जैसे कि आंखें, हाथ, पैर के बीच कोऑर्डिनेशन बनाए रखने में समस्या आती है। यही वजह है कि एस्ट्रोनॉट्स को खड़े होने तक में परेशानी होती है।

3. चीजों को हवा में छोड़ देना NASA के एस्ट्रोनॉट टॉम मार्शबर्न एक इंटरव्यू में अपने अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों को साझा कर रहे थे। तभी वो एक वाटर बोल्ट और पैन को हवा में छोड़ देते हैं। दोनों ही चीज जमीन पर गिर जाती हैं। फिर अचानक उन्हें याद आता है कि वो तो धरती पर हैं, जहां ग्रैविटी काम करती है। वो कहते हैं… स्टूपिड ग्रैविटी।

एस्ट्रोनॉट टॉम धरती पर आने के बाद भी चीजों को हवा में छोड़ देते। उन्हें लगता वो जीरो-ग्रैविटी में ही हैं।

एस्ट्रोनॉट टॉम धरती पर आने के बाद भी चीजों को हवा में छोड़ देते। उन्हें लगता वो जीरो-ग्रैविटी में ही हैं।

अंतरिक्ष में कई महीनों तक रहने के दौरान एस्ट्रोनॉट्स का मस्तिष्क और शरीर माइक्रोग्रैविटी के अनुकूल होने लगता है। वहां वे किसी भी चीज को हवा में छोड़ सकते हैं और वह तैरती रहती है, लेकिन धरती पर लौटने के बाद उनकी आदत बनी रहती है और वे अनजाने में चीजों को हवा में छोड़ देते हैं, यह भूलकर कि अब वे गिर जाएंगी।

4. कम दिखाई देना, अंधा होने का खतरा कैनेडियन अंतरिक्ष यात्री क्रिस हैडफील्ड ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि अंतरिक्ष में रहने की वजह से मेरी दोनों ही आंखों में प्रॉब्लम होने लगी थी। मुझे लगा कि मैं अंधा न हो जाऊं।

स्पेस में जीरो-ग्रैविटी के कारण शरीर का तरल पदार्थ सिर की ओर बढ़ता है, जिससे आंखों के पीछे की नसों पर दबाव पड़ता है। इसे स्पेसफ्लाइट एसोसिएटेड न्यूरो-ओकुलर सिंड्रोम (SANS) कहा जाता है।

अंतरिक्ष में ग्रैविटी नहीं होने की वजह से एस्ट्रोनॉट के आंखों से निकलने वाले आंसू की बूंद नीचे गिरती ही नहीं है।

अंतरिक्ष में ग्रैविटी नहीं होने की वजह से एस्ट्रोनॉट के आंखों से निकलने वाले आंसू की बूंद नीचे गिरती ही नहीं है।

धरती पर आने के बाद जब एस्ट्रोनॉट्स का शरीर यहां के हिसाब से एडजस्ट करता है तो उस समय आंखों पर भी सीधा असर पड़ता है। इस वजह से कई एस्ट्रोनॉट्स को धरती पर आने के बाद चश्मा लगाना पड़ता है।

इनके अलावा भी अंतरिक्ष से वापस धरती पर लौटने वाले एस्ट्रोनॉट्स को इम्यून सिस्टम का कमजोर होना, हाई लेवल रेडिएशन से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा, डीएनए में बदलाव, कार्डियोवैस्कुलर प्रॉब्लम, मानसिक बीमारियों जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।

सवाल-8: तो क्या सुनीता विलियम्स पहले की तरह स्वस्थ जिंदगी बिता पाएंगी? जवाब: सुनीता विलियम्स मार्च 2025 में अंतरिक्ष से वापस लौटेंगी तो उन्हें पूरी तरह नॉर्मल होने में सालभर का समय लग सकता है। दरअसल, धरती पर लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट के लिए सबसे बड़ा चैलेंज शारीरिक और मानसिक तौर पर नॉर्मल जीवन में आना होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे कितने समय तक अंतरिक्ष में रहे।

NASA के एस्ट्रोनॉट डगलस एच. व्हीलॉक ने 179 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। वो बताते हैं कि जब लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहते हैं तो बॉडी में कई फिजिकल चेंज होते हैं। जीरो-ग्रैविटी की वजह से हम यहां तक सोचने लगते हैं कि हमें पैरों की जरूरत नहीं है। ऐसे में वापसी आकर पृथ्वी के वातावरण के हिसाब से खुद को ढालना चैलेंजिंग है। इसके लिए डॉक्टर और फिजिकल एक्सपर्ट से रिकवरी ट्रेनिंग लेनी पड़ती है।

मांसपेशियों और हड्डियों की रिकवरी करने के लिए कई महीनों तक एक्सरसाइज करनी पड़ी। एस्ट्रोनॉट स्कॉट केली कहते हैं कि उन्होंने स्पेस से आने के बाद शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए फिजिकल थेरेपी ली। वहीं, आई पावर की प्रॉब्लम को भी ठीक करने के लिए ट्रीटमेंट लिया।

सवाल-9: सुनीता विलियम्स स्पेस में क्यों गईं थीं और ISS पर कैसे फंस गईं? जवाब: 5 जून 2024 को सुनीता स्टारलाइनर नाम के स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर स्पेस मिशन पर गई थीं। सुनीता और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुच विल्मोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को ISS में 8 दिन रुकने के बाद वापस धरती पर आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कतों के कारण सुनीता वहीं फंस गईं।

5 जून 2024 की तस्वीर। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए टेकऑफ से पहले सुनीता विलियम्स।

5 जून 2024 की तस्वीर। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए टेकऑफ से पहले सुनीता विलियम्स।

स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के समय से ही उसमें कई दिक्कतें थीं। इनके चलते 5 जून से पहले भी कई बार लॉन्च फेल हुआ था। लॉन्च के बाद 25 दिनों में स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में 5 हीलियम लीक हुए। 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे। इसके अलावा एक प्रॉपलेंट वॉल्व पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका। स्पेस में मौजूद क्रू और अमेरिका के ह्यूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर मिलकर भी इसे ठीक नहीं कर पाए।

11 सितंबर को सुनीता और बुच ने दुनिया की पहली स्पेस प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। सुनीता ने स्पेस में रहने के दौरान होने वाली परेशानियों का भी जिक्र किया। सुनीता और बुच को ISS ले जाने वाला बोइंग स्पेसक्राफ्ट 7 सितंबर को धरती पर वापस लौट आया था, लेकिन इसमें वे दोनों नहीं आ सके।

—————-

सुनीता विलियम्स से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें

आज का एक्सप्लेनर: सुनीता विलियम्स की वापसी का प्लान फाइनल, लेकिन खतरे कम नहीं; धरती पर चलना याद करने में लग जाएंगे कई महीने

8 दिनों के लिए अंतरिक्ष गई सुनीता विलियम्स 8 महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसी हैं। उनके धंसे गाल, कमजोर शरीर देखकर डॉक्टर भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने इलॉन मस्क से कहा था- बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाओ, जिन्हें बाइडेन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। पूरी खबर पढ़ें…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular