छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आज बिजली गिरने की आशंका है। आज मानसून फिर से एक्टिव हो सकता है।
छत्तीसगढ़ में मानसून के दाेबारा सक्रिय होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने आज सभी जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई है। प्रदेश में आज यलो अलर्ट है। वहीं रायपुर-दुर्ग समेत 5 जिलों में तेज अंधड़ चलने संभावना है।
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मौसम विभाग के मुताबिक आज मानसून बस्तर से आगे बढ़ा तो उम्मीद है कि 18-19 जून तक रायपुर पहुंच जाएगा। शनिवार को 40.4 डिग्री सेल्सियस के बिलासपुर सबसे गर्म रहा। वहीं 25 डिग्री के साथ दुर्ग सबसे ठंडा रहा।
वहीं शुक्रवार की बात करें तो कोंडागांव में आकाशीय बिजली गिरने से 17 साल की लड़की और एक बछड़े की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि फरसगांव के बंगोली पंचायत के सालेभाट गांव की मोना मरकाम शाम 6 बजे बाड़ी में बछड़े को चरा रही थी, तभी अचानक बिजली गिरी और मौत हो गई।
कोंडागांव में आकाशीय बिजली गिरने से 17 साल की लड़की की मौत हो गई।
धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में ग्रेजुअली (धीरे-धीरे) आगे बढ़ेगा। पहले एक से 2 जगहों पर बारिश होगी। इसके बाद बाकी सेंट्रल और नॉर्थ छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में स्ट्राइक करेगा। आज कई जगहों पर बौछारें भी पड़ सकती है।
16 से 17 जून के बीच रायपुर पहुंचेगा मानसून
आज मानसून बस्तर से आगे बढ़ा तो उम्मीद है कि 18-19 जून तक रायपुर पहुंच जाएगा। वहीं शनिवार को कोंटा, भानुप्रतापपुर और नगरी में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले बीते मंगलवार को राजधानी में आधे घंटे की बरसात से शहर के कई इलाकों में जल भराव हो गया।
विधानसभा इलाके में ब्लैक आउट की स्थिति बन गई। यह बारिश लोकल सिस्टम की वजह से हुई है, लेकिन इसके बाद से अच्छी बारिश नहीं हुई है। इसका असर तापमान पर देखने को मिला है।

जून में अब तक सामान्य से कम बारिश
अब तक की बात करें तो जून में 33 में से 27 जिले (लगभग 82%) में बारिश सामान्य से कम रही है। सिर्फ 6 जिलों में बारिश सामान्य या उससे अधिक रही है। पूरे राज्य में औसतन 51% वर्षा की कमी है, जो सामान्य से कम मानी जाती है। इस समय मानसून की स्थिति कमजोर है और स्थिति यही रही, तो खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है।
जून का रहा है यही ट्रेंड
हालांकि मौसम विभाग की माने तो जून का ट्रेंड यही रहा है। शुरूआती 10 से 12 दिन गर्मी बढ़ती है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बनने वाले लो प्रेशर एरिया या चक्रवातों के चलते मानसून सक्रिय हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। ओवर ऑल बात करें तो जून में अब तक 51% कम बारिश हुई है।

पिछले साल के मुकाबले स्थित बेहतर
हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था।
पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था।

मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी
पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है।
छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।

प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए


गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
- अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
- पेड़ों के नीचे न ठहरें।
- बिजली लाइन से दूर रहें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।

लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी।
इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।