जेएएच से न्यू जेएएच के लिए अंडर पास का काम शुरू।
ग्वालियर में मरीजों और डॉक्टरों को आने-जाने में परेशानी ना आए और बेहतर उपचार मिल सके, इसके लिए जेएएच से एक हजार बिस्तर अस्पताल (न्यू जेएएच) के बीच अंडर पास बनाया जा रहा है।
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इसका निर्माण बुधवार से शुरू हो गया है और गुरुवार से आगामी करीब आठ माह तक इसके निर्माण के चलते कस्तूरबा चौराहे से आमखो मार्ग पूर्ण रूप से बंद रहेगा। इस मार्ग से गुजरने वाले आम और सवारी वाहनों को परिवर्तित मार्ग से निकाला जाएगा।
ग्वालियर में जेएएच और न्यू जेएएच के बीच आने जाने के लिए बाहरी रास्ते का उपयोग होता है, जिससे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में मरीज शिफ्ट करने, राउंड के लिए डॉक्टरों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार मरीज शिफ्ट करते समय या फिर डॉक्टर आते जाते समय सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं।
ऐसे में मरीजों और डॉक्टरों की यह परेशानी दूर करने के लिए जेएएच अस्पताल और एक हजार बिस्तर अस्पताल के बीच अंडर पास बनाया जा रहा है। जिसका काम बुधवार से शुरू कर दिया है। जिसके चलते करीब अगले आठ माह तक यह रास्ता सवारी वाहनों के लिए बंद रहेगा।
बता दें, शहर के मुरार, थाटीपुर, सिटी सेंटर, झांसी रोड जैसे मुख्य एरिया से कंपू जाने के लिए यह मुख्य रास्ता है, लेकिन अब यहां आठ महीने वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
ऐसे समझिए कौनसा रास्ता रहेगा बंद
यह रहेंगे परिवर्तित मार्ग यातायात पुलिस अफसरों ने बताया कि अंडर पास बनाने के लिए इस रास्ते पर आना जाना बंद किया गया है। कस्तूरबा चौराहे से आमखो तिराहा जाने वाले सभी वाहनों को कस्तूरबा चौराहे से राइट टर्न लेकर कंपू थाना और यहां से लेफ्ट टर्न लेकर एक हजार बिस्तर अस्पताल के सामने से होते हुए आमखो की तरफ जाएंगे।
इसी तरह आमखों तिराहे से कस्तूरबा चौराहा की ओर जाने वाले वाहनों को आमखो तिराहे से लेफ्ट टर्न लेकर एक हजार बिस्तर अस्पताल के फ्रंट गेट के सामने से होते हुए कंपू थाना और यहां से राइट टर्न लेकर कस्तूरबा चौराहा पहुंचेंगे।
अंडरपास से यह होगा फायदा अंडर पास बन जाने के बाद कई फायदे होंगे जैसा कि अभी डॉक्टर व मरीजों को जेएएच से एक हजार बिस्तर अस्पताल और एक हजार बिस्तर अस्पतल से जेएएच आने में काफी फेर लगाकर आना और जाना पड़ता है। इस रास्ते पर काफी ट्रैफिक रहता है, जिससे कई बार हादसे हो जाते है। या फिर मरीज को लाने ले जाने में उसकी जान को खतरा पैदा हो जाता है।
अब अंडर पास बन जाएगा, तो मरीजों और डॉक्टरों को आने जाने के लिए बाहरी रास्ते का प्रयोग नहीं करना होगा। साथ ही मरीजों को जांच के लिए अस्पताल परिसर के बाहर से नहीं आना होगा और सभी सुविधाएं एक ही परिसर में हो जाएगी।