रविवार की आधी रात पलामू जिले के चैनपुर थाना को गरदा गांव गोलियों से थर्रा उठा। गांव के एक घर में अपराधी घुसे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की पहचान भरत पांडेय और दीपक साव के रूप में हुई है। दोनों मोस
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वहीं गोलीबारी में वहीं गरदा गांव के रहने वाले स्व अमरेश सिंह का बेटा अंशु सिंह (19) और औरंगाबाद के पोला गांव का रहने वाला महावीर सिंह (38) गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों को आनन-फानन में एमएमसीएच में रात एक बजे भर्ती कराया गया है। अंशु को दोनों पैर और महावीर को हाथ में गोली लगी है।
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस
गोलीबारी की घटना के बाद दोनों मृतकों का शव मौके पर ही पड़ा है। वहीं जानकारी मिलते ही सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद पुलिस टीम के साथ वारदात की जांच के लिए मौके पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि महावीर सिंह गरदा गांव में अपने मामा के घर आया हुआ था। महावीर के मुताबिक रात 12 बजे के करीब घर में घुस कर अपराधियों ने गोली चलाई। वहीं अंशु का कहना है कि गोली चलने की आवाज सुनकर उसकी नींद खुली। वह बाहर निकला तो भागते हुए अपराधी ने गोली चलाई जो उसे लग गई।
बर्थडे पार्टी में आए थे भरत और दीपक
अपराधियों की गोली से मरने वाले भरत और दीपक साव 31 दिसंबर से गरदा गांव में अपने मौसा के घर रुके हुए थे। मौसा के घर में जन्मदिन में शामिल होने आए हुए थे। ऐसी आशंका है कि गोली मारने वाले बाहर से आकर इन दोनों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने प्लानिंग के तहत रात में गोली चलाई है। एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद ने कहा कि पुलिस हत्या के कारणों की पड़ताल कर रही है।
वहीं पुलिस ने मौके से 25 खोखा बरामद किया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अपराधी खेत से होकर घर तक आए थे और गोली चलाते हुए उसी रास्ते निकल गए। अपराधियों ने अपनी बाइक घटनास्थल से कुछ दूर पर छोड़ दिया था।