देश में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर सियासत तेज हो गई है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बुधवार शाम गोपालगंज में प्रेस वार्ता के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि “25 जून, 1975 भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन था, जब “मैं” के अहंकार ने
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मंत्री चौधरी ने आरोप लगाया कि “इंदिरा गांधी ने आपातकाल केवल इसलिए लगाया क्योंकि उन्हें डर था कि वह संसद की सदस्यता गंवा देंगी।” उन्होंने कहा कि, “आंतरिक संकट महज एक बहाना था, असल में सत्ता बचाने के लिए संविधान को कुचला गया।”
लोकतंत्र को कैद कर दिया गया- केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, “आपातकाल के समय संसद की अनुमति नहीं ली गई, न मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई, और न ही विपक्ष को भरोसे में लिया गया। एकतरफा फैसला लेकर देश पर तानाशाही थोप दी गई। लोकतंत्र की हत्या कर दी गई और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कैद कर दिया गया।”
128 जिलों को राष्ट्रीय मानक तक लाना लक्ष्य: पंकज चौधरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत पर सरकार काम कर रही है। देश के **128 जिलों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने की दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है।”
लालू यादव पर भी निशाना
राजनीतिक तीखेपन को और धार देते हुए मंत्री ने लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जो कांग्रेस का जीवनभर विरोध करते रहे, उन्होंने पुत्र मोह में उसी कांग्रेस से हाथ मिला लिया। यह वही कांग्रेस है जिसने आपातकाल थोपकर लोकतंत्र को कुचला था।”
कांग्रेस लोकतंत्र की रक्षक नहीं, भक्षक है – पंकज चौधरी
मंत्री चौधरी ने कहा कि आज जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं, उन्हें देश को बताना चाहिए कि आपातकाल के समय उन्होंने संविधान का कैसे दुरुपयोग किया। “जब सत्ता डगमगाई तो पूरे देश का वर्तमान बंधक बना लिया गया।”