फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर शराब ठेके के आवंटन को लेकर ईओडब्ल्यू की रीवा ईकाई ने एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू ने इसमें तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी, सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित और पांच शराब ठेकेदारों को आरोपी बनाया है। ब्रांच मैनेजर ने बगैर 15 करो
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इनमें से 9 बैंक गारंटी शराब ठेकेदारों को दी गईं, जिनका इस्तेमाल रीवा, सिंगरौली, उमरिया और सतना जिले में शराब दुकानें लेने के लिए किया गया। इतना ही नहीं जिला आबकारी अधिकारी ने इन बैंक गारंटियों को स्वीकार भी कर लिया। वो भी तब, जब इसके लिए केवल आरबीआई से अनुसूचित बैंकों से ही बैंक गारंटी लेने का प्रावधान है।
28 जून 2023 को इस संबंध में वकील बीके माला ने ईओडब्ल्यू से शिकायत की थी। जांच के दौरान शिकायत में आरोप सही पाए गए। इस आधार पर ईओडब्ल्यू ने नागेंद्र सिंह, तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, शाखा मोरबा, नृपेंद्र सिंह, मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज, अजीत सिंह, आशा इंटरप्राइजेज, उपेंद्र सिंह बघेल, मऊगंज, आदित्य प्रताप सिंह, रायपुर कर्चुलियान, विजय बहादुर सिंह, आर्या ग्रुप, रीवा के तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन को आरोपी बनाया है।