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कोलकाता21 घंटे पहले
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जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने 3 हफ्ते बाद 17 सितंबर को अगली सुनवाई में जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार, 23 अगस्त को आरजी कर हॉस्पिटल में पैसों की गड़बड़ी की जांच CBI को सौंप दी। हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते बाद 17 सितंबर को अगली सुनवाई में जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने यह आदेश हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली की याचिका पर दिया है। उन्होंने 21 अगस्त को हॉस्पिटल और कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के समय में हुई वित्तीय गड़बड़ियों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कराने की याचिका लगाई थी।
हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 19 अगस्त को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने आदेश में कहा था कि टीम जनवरी 2021 से अब तक हुए लेन-देन की जांच करेगी और एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करेगी।
हाईकोर्ट बोला- कई एजेंसियां शामिल होने से जांच में देर होगी
जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने अपने आदेश में कहा- 9 अगस्त की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, इसकी जांच CBI को सौंप दी गई थी। एक ही मामले की जांच में कई एजेंसियां शामिल होने से जांच में देर हो सकती है। इसलिए कोर्ट निर्देश देता है कि संदीप घोष की SIT जांच CBI को सौंप दी जाए। CBI अगली सुनवाई की तारीख पर इस पर स्टेटस पोर्ट दाखिल कर सकती है।
हॉस्पिटल में रेप-मर्डर की घटना के बाद 5 दिन तक कोलकाता पुलिस मामले की जांच करती रही। बाद में 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने केस की जांच CBI को सौंप दी थी। चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने कहा था- घटना के 5 दिन बाद भी पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है।
इसकी पूरी आशंका है कि सबूत मिटा दिए जाएंगे। इसलिए हमें लगता है कि मामला तुरंत CBI को ट्रांसफर किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केस का खुद नोटिस लिया था
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को कोलकात रेप-मर्डर केस का खुद नोटिस लिया था। कोर्ट ने मेडिकल पेशेवरों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों की जांच के लिए एक टास्क फोर्स बनाने के निर्देश भी दिए गए थे।
कोर्ट ने 20 अगस्त को CBI से जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। इसके बाद 22 अगस्त को CBI ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की। रिपोर्ट में CBI ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ हुई है।
पूरी रिपोर्ट पढ़ने के बाद कोर्ट ने कहा- हमने पिछले 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी है। कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर भी संदेह जताया था। पूरी खबर पढ़ें…
CBI ने 21 अगस्त को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की SUV कार की जांच की थी।
पूर्व प्रिंसिपल ने CBI को संतोषजनक जवाब नहीं दिए
रेप-मर्डर केस में CBI ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी पूछताछ की थी। उनसे 16 अगस्त से लेकर लगातार चार दिन पूछताछ की गई। बीच-बीच में उन्हें कुछ समय का ब्रेक भी मिला था। CBI सूत्रों के मुताबिक, डॉ घोष जांच एजेंसी के 10 सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए थे।
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