आषाढ़ माह हिंदू कैलेंडर का चौथ महीना है. दक्षिण भारत में आषाढ़ को शुन्य मासम भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने में शादी, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. उत्तर भारत में आज 12 जून गुरुवार से आषाढ़ माह का शुभारंभ हुआ है, जबकि दक्षिण भारत में इस का प्रारंभ जुलाई में होगा. आज आषाढ़ के पहले दिन शुभ योग और मूल नक्षत्र है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ महीने में दैवीय स्त्री शक्ति बेहद ही शक्तिशाली मानी जाती हैं. इस वजह से इसमें गुप्त नवरात्रि आती है, जिसमें 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं. मां दुर्गा के विभिन्न स्वरुपों की पूजा की जाती है. विशेषकर शुक्रवार को व्रत रखकर मां दुर्गा की आराधना करते हैं. आषाढ़ के महीने में आपको अपनी मां, बहन और बेटी को एक साड़ी जरूर गिफ्ट करनी चाहिए. इसे शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
आषाढ़ में साड़ी क्यों गिफ्ट करनी चाहिए?
बेहद खास होती हैं ये साड़ियां
जिन साड़ियों को उपहार में देते हैं, वे बेहद ही खास होती हैं. उन साड़ियों के बॉर्डर पर मंदिर, मोर या अन्य शुभ चिह्न बने होते हैं, जो एक आध्यात्मिक ऊर्जा को दर्शाते हैं. उपहार में दी जाने वाली साड़ियों का रंग लाल, मैरून, गुलाबी, हरा या पीला हो सकता है. लाल और हरा रंग सौभाग्य का प्रतीक होता है. ऐसी साड़ी खासकर सुहागन महिलाओं को दिया जाता है. वहीं लाल और मैरून रंग शक्ति का भी प्रतीक है.
2. आषाढ़ के प्रत्येक शुक्रवार को महिलाएं मां दुर्गा और माता लक्ष्मी की पूजा करें. उनको श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें.
4. आषाढ़ में मंगलवार और शुक्रवार के दिन मंदिर जाना चाहिए. भगवान की पूजा करके आशीर्वाद लेना चाहिए.
5. आषाढ़ में पेड़ और पौधों को पानी दें. प्यासे पशु, पक्षियों और राहगीरों को पानी पिलांए. आपको पुण्य की प्राप्ति होगी.