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Shani Jayanti 2025 Sadesati Upay: 26 मई 2025 को शनि जयंती मनाई जाएगी. देवघर के आचार्य ने बताया कि इस दिन शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से परेशान जातक कुछ उपाय जरूर करें. इससे उनको राहत मिलेगी…
शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा पाने के लिए करे यह उपाय.
हाइलाइट्स
- 26 मई 2025 को शनि जयंती मनाई जाएगी
- कुंभ, मीन, और मेष राशि वालों को उपाय करने चाहिए
- पीपल के पेड़ में जल में दूध मिलाकर अर्पण करें
Shani Jayanti 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय पर अपनी राशि बदलता करता है. नवग्रहों में शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ढाई साल पर शनि अपनी राशि बदलते हैं. जब भी शनि राशि बदलता है तब कई राशियों पर शनि की कुदृष्टि पड़ती है. इससे उनपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है.
मान्यता है कि शनि की साढ़ेसाती में जातक का जीवन बेहद कष्टकारी हो जाता है. हालांकि, शनि की साढ़ेसाती के कुप्रभाव से बचने के लिए शनि जयंती का दिन सबसे शुभ होता है. आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि शनि जयंती कब है और उस दिन खासकर शनि की साढ़ेसाती वाले क्या खास उपाय करें, जिससे उन्हें पूरे साल राहत मिल सके.
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26 मई को शनि जयंती
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि उत्तर भारत में वट सावित्री व्रत के दिन ही शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा करना शुभ होता है. शनि की कुदृष्टि के प्रभाव से मुक्ति मिलती है. इस साल 26 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी. वर्तमान में तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. ऐसे में इन तीन राशि वालों को शनि जयंती के दिन कुछ खास उपाय अवश्य करने चाहिए.
इन राशि वालों को करने होंगे उपाय
ज्योतिषाचार्य ने बताया, ऋषिकेश पंचांग के अनुसार फिलहाल कुंभ, मीन और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. ऐसे में इन 3 राशि वालों को शनि जयंती के दिन कुछ खास उपाय अवश्य करने चाहिए, ताकि पूरे साल उन्हें राहत मिले.
शनि जयंती के दिन ये उपाय करें
ज्योतिषाचार्य बताते हैं, इन तीन राशियों के जातक पीपल के पेड़ में जल में दूध मिलाकर अर्पण करें. इसके बाद शनि मंदिर जाकर शनिदेव को सरसों के तेल से स्नान कराएं. सरसों के तेल से ही दीपक जलाएं. ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें. शनि मंदिर से निकलते वक्त सरसों का तेल अपने माथे पर अवश्य लगाएं. अगर शनि मंदिर नहीं जा सकते हैं, तो हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी की विशेष विधि से पूजा करें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्ट से मुक्ति मिलेगी.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.