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- Delhi India Gate Name Change Update; Bharat Mata Dwar | Jamal Siddiqui PM Modi
नई दिल्ली5 मिनट पहले
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इंडिया गेट से हर साल गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत होती है।
भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करने की मांग की है। जमाल ने पीएम मोदी के नाम एक चिट्ठी लिखी, जिसमें कहा है कि नाम बदलना देश के दस हजार शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
जमाल ने कहा- आपने क्रूर मुगल के नाम पर बनी औरंगजेब रोड का नाम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया। इंडिया गेट पर लगी जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई। राजपथ का नाम कर्तव्य पथ करवाया। उसी तरह इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करवाएं।

जमाल सिद्दीकी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी X पर शेयर की है।
पहले विश्वयुद्ध में शहीद भारतीयों की याद में बना इंडिया गेट
इंडिया गेट राजधानी दिल्ली में बना वॉर मेमोरियल है। इसे प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया था। 1914-1921 के दौरान हुए पहले विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में 70 हजार से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इंडिया गेट पर 13,516 सैनिकों के नाम खुदे हुए हैं। उनमें से कई ब्रिटिश भारतीय सेना के थे।
इंडिया गेट 1921 में बनना शुरू हुआ था और 1931 में पूरा हुआ। इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था। इंडिया गेट की ऊंचाई 42 मीटर है। इसे लाल और हल्के पीले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को जोड़ा गया। यह एक अनंत जलती रहने वाली ज्योति है, जो गुमनाम सैनिकों की स्मृति में जलती रहती है। इसके ऊपरी हिस्से में INDIA लिखा हुआ है और उसके नीचे शिलालेख है, जिसमें शहीद सैनिकों के बलिदान के बारे में लिखा है।
यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद के बलिदानों का प्रतीक है। 2019 में, इंडिया गेट के पास एक नया नेशनल मेमोरियल बनाया गया, जहां अब भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों को सम्मानित किया जाता है।