कानपुर जोन में इंदौर की हर्षिता गोयल लड़कियों में टॉपर रही। हर्षिता की 434वीं रैंक आई है। हर्षिता हर्षिता ने बताया कि पता था कि मेरा रिजल्ट अच्छा आएगा, लेकिन यह नहीं पता था कि वह एमपी में फर्स्ट रेंक हासिल करेंगी। उनके लिए यह बिल्कुल चौंकाने वाला था।
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हर्षिता जेईई मेन-2025 के पहले चरण में 99.90 परसेंटाइल के साथ लड़कियों में सिटी और स्टेट में टॉपर रही है। वह AI या कम्प्यूटर साइंस की फील्ड में ही आगे जाना चाहती है और कुछ अच्छा करना चाहती है। हर्षिता ने बताया कि उन्हें रीडिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट और ट्रेवलिंग का शौक है।
15 घंटे कोचिंग में की पढ़ाई
हर्षिता ने बताया कि वह कोचिंग से ही पूरी तैयारी कर रही है। सुबह 7 से रात 10 बजे तक कोचिंग में रह कर ही 15 घंटे अपनी पढ़ाई को दिए। हफ्ते के सातों दिन वह पढ़ाई करती है। क्लास की खास बात यह है कि यहां सभी डिस्ट्रक्शन से दूर रखते है। उन्हें पढ़ाई में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई।
जितना आता है उसे स्ट्रॉन्ग किया
हर्षिता ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्हें जितना आता था उसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग किया। इसके बाद जिसमें वह कमजोर थी, उस पर ध्यान दिया। एग्जाम के लास्ट स्टेज पर भी उन्होंने जो आता था उस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। हर्षिता बताती हैं कि वह दिनभर कोचिंग में ही पढ़ती थी, घर जाकर पढ़ाई नहीं करती थी।
डेढ़ महीने पढ़ाई से दूर रही
टॉपर हर्षिता ने बताया कि वह मूल रूप से उज्जैन की रहने वाली है। उनकी मां मेघना गोयल उज्जैन में ही बैंक में जॉब करती है। जेईई के लिए वह इंदौर आए थी। शुरू में वह होस्टल में रही। मगर यहां उनकी तबीयत खराब हो गए थी। पहले टाइफाइड और फिर निमोनिया होने के कारण वह डेढ़ महीने पढ़ाई और कोचिंग से दूर रही।
परिवार ने लिया फैसला, इंदौर आई नानी
तबीयत खराब होने पर परिवार के लोग भी चिंतित हो गए थे। इसके चलते परिवार के लोगों ने फैसला लिया कि नानी हर्षिता के साथ इंदौर में रहेंगी। 2024 से 75 साल की नानी हर्षिता के साथ इंदौर में रह रही है और हर्षिता का ध्यान रख रही है। हर्षिता ने बताया कि पढ़ाई के दौरान वह सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रही।