इंदौर के उषा नगर स्थित गजासीन शनि धाम में 14वें स्थापना महोत्सव का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय इस महोत्सव में निकाली गई पालकी यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महोत्सव के अंतिम दिन प्रातः 8:00 बजे से श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ हुआ।
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मंदिर के मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा के अनुसार, शाम 7 बजे मंदिर परिसर से निकली पालकी यात्रा में भगवान शनिदेव की मूर्ति को भक्तिभाव से विराजमान किया गया। यात्रा उषा नगर, उषा नगर एक्सटेंशन और दशहरा मैदान क्षेत्र में भ्रमण करते हुए वापस मंदिर पहुंची। पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पालकी का स्वागत किया।
यात्रा के दौरान भक्तगण शनिदेव के जयकारे लगाते हुए नृत्य करते रहे। ढोल की थाप पर श्रद्धालुओं ने भक्ति में डूबकर यात्रा में हिस्सा लिया। यात्रा के समापन पर मंदिर में 51 दीपकों से भगवान की महाआरती की गई और सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
यात्रा में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक मालिनी गौड, विधायक गोलू शुक्ला, पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा, पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा, महापौर प्रतिनिधि भरत पारख, पार्षद हरप्रीत कौर लूथरा, पार्षद मुद्रा शास्त्री, पार्षद राजू भदौरिया, पार्षद योगेश गेंदर, हरि अग्रवाल, मुकेश झांझोट, जसराज मेहता, मंडल अध्यक्ष इंदु अग्रवाल, भाजपा विधानसभा 2 युवा मोर्चा प्रभारी अमन यादव, छिंदवाड़ा के आनंद बक्शी, कांग्रेस नेता पवन सज्जन सिंह वर्मा, भाजपा युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष अमित पालीवाल, कमल शुक्ला भाजपा नेता, भाजपा नेता मोहन राठौड़, टीकमगढ़ सरपंच प्रमोद मिश्रा सहित कई जनप्रतिनिधि एवं मुंबई से आए फिल्म और टीवी जगत के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया।
अंतिम दिन हुई लक्ष्मीनारायण यज्ञ की पूर्णाहुति
महोत्सव के अंतिम दिन प्रातः 8:00 बजे से श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ का शुभारंभ हुआ। यज्ञाचार्य पं. महेंद्र दुबे ने विधिवत पूजा-अर्चना कर यज्ञ प्रारंभ किया, जिसमें गणपति अंबिका पूजन, षोडश मातृका पूजन, कलश देवता, वरुण देवता, प्रभु शनिदेव, दत्तात्रेय भगवान, और लक्ष्मीनारायण भगवान का अभिषेक किया गया।
यज्ञ में श्रद्धालुओं ने विष्णु सहस्त्रनाम, लक्ष्मी सहस्त्रनाम, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” और “ॐ महालक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्रों के साथ आहुतियां अर्पित कीं। इसके साथ ही पुरुष सूक्त और श्री सूक्त का विशेष पाठ भी संपन्न हुआ। 251 से अधिक भक्तों ने आहुतियां प्रदान की।
दोपहर 2:00 बजे पूर्णाहुति और महाआरती के साथ यज्ञ संपन्न हुआ। इसी के साथ तीन दिवसीय स्थापना महोत्सव का धूमधाम से समापन हुआ।