इंदौर में किन्नर की चाकू से गोद कर हत्या के मामले में 6 साल बाद फैसला आया है। कोर्ट ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मृतक पैदाइशी किन्नर नहीं था। उसने लिंग परिवर्तन करवाया था। बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन में रहता था।
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एक दिन दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और पार्टनर ने चाकू से उस पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। कोर्ट में आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की गई। उसे हिंसक प्रवृत्ति वाला और समाज के लए अनुपयोगी बताया गया। हालांकि उसने ऐसा क्यों किया ये पता नहीं चल पाया।
जानिए किन्नर की हत्या से लेकर कोर्ट के फैसले तक की कहानी…
पहले जान लीजिए क्या है पूरा मामला…
खजराना की हाजी कॉलोनी में किन्नर मंजू उर्फ मंजा (24) की 7 मई 2018 को चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई थी। उसके गले में 14 और पेट पर 5 घाव थे। पूरे शरीर पर करीब 22 घाव थे। मंजू के साथ रहने वाले उसके बॉयफ्रेंड सलमान ने उसकी हत्या की थी।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर दीपक गवली ने बताया था कि शॉक और अत्यधिक खून बहने के कारण उसकी मौत हुई थी। मंजू को बचपन में सभी रेहान के नाम से जानते थे। जैसे-जैसे बड़ा हुआ उसकी हरकतें लड़कियों जैसी होती गई। वह लड़कियों की तरह रहने लगा।
जब नंदलालपुरा में किन्नरों के साथ रहने लगा तब उसका नाम मंजू पड़ा। बाद में उनके बीच विवाद हुआ तो वह अलग हो गया। इस विवाद में मंजू को 20 दिन तक जेल की हवा भी खाना पड़ी थी।
12 साल पहले जेंडर चेंज करवाया
मंजू के पिता शेख सलीम ने पुलिस को बताया था कि उसके तीन लड़के और एक लड़की है। उसका दूसरा लड़का मंजा उर्फ रेहान ने करीब 12 साल पहले जेंडर चेंज करवा लिया था। फिर उसने अपना नाम मंजू रख लिया।
घटना के करीब 7 महीने पहले से मंजू अपने लिव इन पार्टनर सलमान के साथ किराए के रूम में रहने लगा था। वारदात से तीन महीने पहले दोनों हाजी मदनी बाग कॉलोनी में मोहम्मद सिकंदर अली के मकान में रहने आ गए थे। घटना वाले दिन उसे जानकारी मिली की मंजू और उसका साथी सलमान किसी बात को लेकर झगड़ रहे हैं।
लड़के परवेज को लेकर वो मंजू के कमरे पर पहुंचा तो देखा कि मंजू जमीन पर पड़ी थी। सलमान चाकू से उसके शरीर पर वार कर रहा था। सलमान ने उन्हें देखा तो चाकू दिखाकर डराते हुए स्कूटर लेकर भाग गया। मौके पर मकान मालिक सिकंदर और उनकी बहू फरीन बी भी मौजूद थी।
लोकेशन ट्रेस न हो इसलिए मोबाइल बंद किया
सलमान हत्या कर फरार हो गया था। पुलिस ने उसे ढूंढने के लिए कई जतन किए लेकिन वो हाथ नहीं आ रहा था। उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो रही थी। पुलिस ने उसके भाई और मामा को थाने में बैठा रखा था। उनके जरिए सलमान को संदेश पहुंचाया गया कि वकील चाहिए तो आ जाओ।
भागने से कुछ नहीं होगा। केस लड़ेंगे। जल्दी जमानत मिल जाएगी। सलमान बातों में आ गया। वह पुलिस से बचने के लिए खंडवा के देश गांव में छिपा था। उसे महू बुलाया गया। पुलिसकर्मियों ने भी वकीलों की यूनिफॉर्म पहनी। महू में वे सलमान से वकील बनकर मिले और गिरफ्तार कर लिया।
केस में 4 चश्मदीद गवाह
मंजू की हत्या के केस में 4 चश्मदीद गवाह थे। पिता सलीम, भाई परवेज, मकान मालिक सिकंदर अली और उसकी बहू फरीन बी। सभी ने कोर्ट को बताया कि घटना के समय मंजू और सलमान रूम में साथ थे। दोनों में झगड़ा हुआ और सलमान ने मंजू की हत्या कर दी।
मौके से सलमान को भागते हुए चारों ने देखा था। पिता-भाई रूम पर पहुंचे जब सलमान चाकू से हमला कर रहा था। रूम से झगड़े की आवाज फरीन बी ने सुनी थी। सिकंदर ने भी कहा कि वो घर पर खड़ा था। रूम से चिल्लाने की आवाज आई थी। सलमान चाकू से वार कर रहा था।
बचने के लिए आरोपी की तरफ से कहा गया कि मंजू का किन्नरों से झगड़ा हुआ था। हो सकता है किसी किन्नर ने उसे मार दिया हो, लेकिन कोर्ट में ये तर्क खारिज हो गया।
गाड़ी, खून से सने कपड़े और चाकू की जब्ती
मंजू पर चाकू से वार करते समय खून सलमान के शर्ट और पेंट पर लग गया था। उसने मंजू की स्कूटर की डिक्की में खून से सने कपड़े छुपा दिए थे। फिर स्कूटर को नाहरवली शाह दरगाह की पार्किंग में खड़ा कर दिया। मंजू का मोबाइल खंडवा रोड भेरुघाट पर पुलिस सहायता केंद्र के पास खाई में फेंक दिया। पुलिस ने स्कूटर की डिक्की से आरोपी के कपड़े और धारदार चाकू जब्त किया था।
