इंदौर में होली के पावन पर्व पर होलिका दहन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में कहीं शाम तो कहीं सुबह होलिका दहन किया जाएगा।
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गौरा कुंड चौराहे पर स्थित जानकीनाथ मंदिर के सामने 80 वर्षों से होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है। व्यवस्थापक तारा चंद कसलीवाल और सत्य नारायण शर्मा ने बताया कि यह परंपरा होलकर शासन से चली आ रही है। यहां होलिका को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। सूर्यास्त और भगवान जानकीनाथ की आरती के बाद होलिका दहन किया जाता है।
होलिका दहन के लिए गो-काष्ठ
शास्त्री कॉर्नर में हुक्म यादव के अनुसार, 1965 से छोटे गणपति के सामने होलिका दहन का आयोजन किया जा रहा है। पाटनीपुरा में होलिका की विशेष सजावट की गई है। इसमें हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अपने भतीजे भक्त प्रह्लाद को गोद में लिए हुए दर्शाया गया है।
होलिका पूजन के लिए हार-फूल, नारियल और गोबर से बने बरगुले की दुकानें सजी हुई हैं। हालांकि इस वर्ष परीक्षाओं के कारण लोगों में त्योहार को लेकर उत्साह कम देखा जा रहा है।

होलिका पूजन सामग्री से सजी दुकानें