Shani Dev: शनि को कर्मों का कारक ग्रह माना गया है. यह मकर राशि का स्वामी है और मकर राशि का संबंध होता है जीवन में कर्म और उससे मिलने वाली आय से. इसलिए जब शनि आपकी कुंडली में किसी विशेष भाव में स्थित होता है या गोचर के दौरान किसी भाव से गुजरता है, तो वह आपकी लाइफ को सीधे प्रभावित करता है. अगर आपने अपने जीवन में शनि की दिशा को समझा और सही दिशा में मेहनत की, तो यह ग्रह आपको ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है. लेकिन अगर आपने अपने कर्मों में लापरवाही बरती या गलत राह चुनी, तो शनि दंड भी देता है. भोपाल स्थित ज्योतिषाचार्य रवि पाराशर से जानेंगे शनि जन्म कुंडली में या गोचर में किस भाव में क्या फल देते हैं और ये हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं.
शनि जब लग्न में होता है
जब गोचर में शनि आपके लग्न से गुजरता है, तो लगभग ढाई वर्षों तक यह समय आपके जीवन में बड़े परिवर्तन लेकर आता है. अगर यह शुभ है, तो करियर में उन्नति देगा और अगर अशुभ है, तो बदलाव किसी पीड़ा या अचानक घटना के माध्यम से होगा.
शनि जब दूसरे भाव में आता है
यहां शनि व्यक्ति की वाणी और धन को प्रभावित करता है. ऐसे लोग अक्सर शब्दों को बहुत सोच-समझकर बोलते हैं, लेकिन कई बार इनमें झूठ बोलने या वादे ज्यादा करने की आदत भी देखी जाती है. पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते इनके करियर में बदलाव आता है. अगर कुंडली में पारिवारिक सहयोग हो तो यह व्यक्ति प्रॉपर्टी या जमीन के मामलों में लाभ पा सकता है.
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शनि जब तीसरे भाव में आता है
यह व्यक्ति अपने सोच समझकर निर्णय लेते हैं. पड़ोसी और रिश्तेदारों से संबंध बनाने में दिक्कत आती है. मार्किटिंग का काम करने वालों के लिए ये बहुत बेहतर होता है.
शनि जब चौथे भाव में आता है
यह व्यक्ति अपने सीमित सामाजिक सर्कल में ही रहना पसंद करता है. कार्यस्थल पर बदलाव, मानसिक दबाव और पारिवारिक कलह के कारण करियर में बाधाएं आ सकती हैं.
शनि पंचम, सप्तम और अष्टम भाव में
पंचम भाव: ऐसे लोग शिक्षा, बुद्धिमत्ता या किसी बौद्धिक कार्य से करियर में उन्नति करते हैं. लेकिन अगर शनि अशुभ हो तो कार्य में आलस्य और रुकावट आ सकती है.
सप्तम भाव: यह व्यक्ति अपने जीवनसाथी की सलाह से करियर में उन्नति करता है. जीवनसाथी का मार्गदर्शन इनके लिए वरदान साबित होता है.
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अष्टम भाव: अगर शनि अष्टम भाव में हो, तो व्यक्ति को खनन, ड्रिलिंग, रिसर्च, रहस्यमय विज्ञान, इंश्योरेंस और गुप्त क्षेत्रों से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है.
शनि दशम भाव में
जन्म कुंडली में दशम भाव में स्थित शनि व्यक्ति को अपने कार्यक्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं. ऐसे लोग काम को योजना के साथ करते हैं और कार्यों को अनुशासनपूर्वक पूरा करते हैं. हालांकि, समय के साथ कार्य में बदलाव या स्थान परिवर्तन भी संभव होता है.
शनि जब एकादश भाव में होता है
यह व्यक्ति अपने लक्ष्यों के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण रखता है. काम को गहराई से समझता है और पूरी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ता है.
द्वादश भाव
अगर शनि द्वादश भाव में स्थित हो, तो ऐसा व्यक्ति धन को संचित करने वाला, व्यावहारिक और कुछ हद तक कंजूस होता है. ये लोग निवेश (इन्वेस्टमेंट) के माध्यम से अच्छा धन अर्जित करने की समझ और क्षमता रखते हैं.