गढपुरा नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति के तत्वावधान 2012 से मुंगेर से नमक सत्याग्रह स्थल गढपुरा के बीच प्रतिवर्ष आयोजित की जा रही, 5 दिवसीय करीब 100 किलोमीटर लंबी पदयात्रा इस वर्ष नहीं होगी। उसके बदले नमक सत्याग्रह यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इसक
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संस्थापक सह राष्ट्रीय महासचिव राजीव कुमार ने पिछले पांच वर्ष में हुए मौन सत्याग्रह, अनिश्चितकालीन सत्याग्रह, प्रमंडल-अनुमंडल-प्रखंड सत्याग्रह, सड़क सत्याग्रह और गत वर्ष नमक सत्याग्रह स्थल पर पांच दिवसीय अन्न सत्याग्रह के बाद, विरोध स्वरूप इस वर्ष 17 अप्रैल को मुंगेर से पांव पैदल गढपुरा नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा नहीं हो रही है।
उसकी जगह गुजरात जाकर साबरमती आश्रम, दांडी नमक सत्याग्रह स्थल तथा दिल्ली जाकर सांकेतिक सत्याग्रह कर रहे हैं। दिल्ली में यथासंभव कोशिश कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, प्रतिपक्ष के नेता, संबंधित विभाग के मंत्री, बिहार-झारखंड के सांसदों एवं मंत्रियों तथा प्रतिष्ठित लोगों से मिलकर ज्ञापन देंगे। इस पावन स्थल की गरिमा को पुर्नस्थापित करने के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह करेंगे।
नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा की तस्वीर।
अविलंब सकारात्मक पहल की मांग
सचिव मुकेश विक्रम यादव ने कहा कि सरकार और सिस्टम के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की उदासीनता, निष्क्रियता और उपेक्षापूर्ण रवैया हैरान करने वाला है। आजादी के आंदोलन के गवाह रहे इस पावन स्थल और आजादी के दीवाने जांबाज पुरखों की विरासत के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न के लिए सभी जिम्मेवार हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, अविलंब सकारात्मक पहल होनी चाहिए।
सह सचिव जयंत ने महान स्वतंत्रता सेनानी, अखंड बिहार के प्रधानमंत्री और प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (श्रीबाबू) को अब तक भारत रत्न सम्मान से सम्मानित नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई। कहां कि यह बिहार के करोडों लोगों के स्वाभिमान और बिहारी अस्मिता से जुडा हुआ गंभीर विषय है।
सरकार और सिस्टम करोडों बिहार वासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए बिहार केसरी श्रीबाबू को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करे। इसके साथ ही गढपुरा नमक सत्याग्रह स्थल पर मुख्यमंत्री के द्वारा स्वीकृत नक्शा और डिजाइन के अनुरूप किए गए शिलान्यास के अनुसार भव्य स्मारक का निर्माण करे, घोषणा के अनुसार बापू सर्किट से जोड़ा जाए।
उपाध्यक्ष ओम प्रकाश यादव ने कहा कि राज्यपाल द्वारा विशेष एक्ट के तहत अधिसूचना जारी कर नमक सत्याग्रह स्मारक निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया। लेकिन 13 वर्ष बाद भी एक इंच जमीन उपलब्ध नहीं कराया जाना साजिश के अंदेशा को प्रबल करता है। सरकार और सिस्टम को इसके लिए अविलंब सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।
2013 में हुआ था सत्याग्रह स्मारक के निर्माण का शिलान्यास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह नेतृत्व में गढपुरा में हुए ऐतिहासिक और गौरवशाली नमक सत्याग्रह की स्मृतियों को वर्तमान तथा आनेवाली पीढ़ियों के हित में सुरक्षित, संरक्षित और संवर्धित करने के लिए सत्याग्रह स्मारक के निर्माण का शिलान्यास 22 दिसंबर 2013 को किया था।
इसके बाद राज्यपाल की ओर आवश्यक भूमि को एक विशेष एक्ट के तहत अधिग्रहण कर लिए जाने की अधिसूचना प्रकाशित किया गया। जिला प्रशासन को उस अधिग्रहित भूमि पर कब्जा करने का आदेश दिया गया था। लेकिन जिला प्रशासन ने आज तक एक भी इंच भूमि कब्जा कर निर्माण एजेंसी को सौंपने का जरूरत नहीं समझा है। यह चिंताजनक और हास्यास्पद है।