पानी की व्यवस्था पर नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने सवाल उठाए हैं।
उज्जैन में मंगलवार को 15 अप्रैल से शहर में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय करने का निर्णय लिया गया था। यह निर्णय गंभीर डैम में पानी की स्थिति को देखते हुए लिया गया है। इसका शहरवासी, कांग्रेस नेता और नगर निगम नेता प्रतिपक्ष विरोध कर रहे हैं।
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नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने आरोप लगाया-
31अक्टूबर 2024 से प्रतिदिन जलप्रदाय का निर्णय लिया था। इसके बाद सिर्फ 160 दिन बाद ही एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का निर्णय महापौर मुकेश टटवाल ने ले लिया। इस भीषण गर्मी में बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।
400 पावर पंप पर सिर्फ 10 कर्मचारी
1500 हैंडपंप को रिपेयर करने के लिए 8 कर्मचारी हैं। जबकि 400 पावर पंप पर सिर्फ 10 कर्मचारी हैं। ऐसे में मात्र 35 टैंकरों के भरोसे शहर में जलप्रदाय व्यवस्था कैसे होगी।

2250 एमसीएफटी क्षमता वाले गंभीर डैम में वर्तमान में केवल 790 एमसीएफटी पानी शेष है।
निगम पार्षदों से बिना चर्चा लिया निर्णय
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकेश भाटी, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि शहर में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय का निर्णय नगर निगम में निर्वाचित पार्षदों से बिना चर्चा के ही ले लिया गया।
यह नीतिगत निर्णय है इसलिए निगम परिषद की बैठक बुलाकर के ही निर्णय लिया जाना चाहिए था। साथ ही बिना किसी वैकल्पिक की व्यवस्था के नागरिकों को जल संकट में डालना अविवेक पूर्ण कार्य है।
उज्जैन में 6 माह तक जल संकट की स्थिति
कांग्रेस पार्टी के पार्षदों ने आरोप लगाया कि भीषण गर्मी में प्रतिदिन पानी की व्यवस्था करना निगम की जवाबदारी है और इस जवाबदारी से नगर की भाजपा का बोर्ड और सरकार बच नहीं सकती है। 20 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है परंतु धार्मिक नगरी के लोग वर्ष में 6 माह तक जल संकट का सामना करते हैं। 3 वर्षों से नर्मदा की लाइन गऊघाट प्लांट तक नहीं आ पाई है।