उत्तराखंड के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान उनके आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा- आज मुझे साबित करना पड़ रहा है कि उत्तराखंड के लिए क्या योगदान दया। प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में पहाड़ियों पर विवा
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प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार दोपहर यमुना कॉलोनी स्थित सरकारी आवास से इस्तीफे का ऐलान किया। फिर सीएम पुष्कर सिंह धामी को इस्तीफा देने पहुंचे। उन्होंने कहा- मैं एक आंदोलनकारी रहा हूं। आज मुझे खुद को साबित करना पड़ रहा है। राज्य आंदोलन में मैंने बढ़-चढ़कर कर भूमिका निभाई है।
सीएम पुष्कर धामी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपते हुए प्रेमचंद अग्रवाल।
‘मैंने उत्तराखंड के लिए लाठी खाई, आज टारगेट किया जा रहा’ इस्तीफा सौंपते वक्त प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा- मुजफ्फरनगर कांड जिस दिन हुआ, मैं दिल्ली आंदोलन में था। मैं बहुत असहज था। ट्रक में बैठकर मुजफ्फरनगर पहुंचा। वहां उस दिन जो देखा, उसे बयां नहीं किया जा सकता है। जिन्होंने इस उत्तराखंड के लिए लाठी खाई, आज उसे टारगेट किया जा रहा है।
मेरी बात को जिस तरह से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया, उससे मैं आहत हूं। सीएम धामी के नेतृत्व में हमारी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। जैसे पीएम मोदी के दिल में उत्तराखंड बसता है, वैसे ही हमारे दिल में मोदी बसते हैं। मेरे भाव बिल्कुल गलत नहीं थे।
उस दिन विधानसभा में बयान देने के बाद सदन में ही स्पष्टीकरण भी दे दिया था। मेरे भाव बिल्कुल गलत नहीं थे। मेरा जन्म उत्तराखंड में ही हुआ है। मैं पार्टी का पुराना कार्यकर्ता हूं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ माहौल बनाया है।
इस्तीफा देने से पहले प्रेमचंद अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में बने उत्तराखंड शहीद स्मारक पहुंचे। उन्होंने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।

वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल प्रेसवार्ता कर बयान जारी किया।
अब पढ़िए प्रेमचंद का विवादित बयान…
21 फरवरी 2025 को प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में विपक्षी विधायकों के साथ बहस में कहा था- क्या यह राज्य पहाड़ियों के लिए बनाया गया है। उनके इस बयान पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी विधायकों ने सदन में माफी मांगने की मांग की।
प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में बढ़ता विवाद देख खेद भी जताया था। हालांकि विवाद थमने की जगह और बढ़ता चला गया। पहाड़ और मैदान का मुद्दा प्रदेश भर में गर्माया रहा। प्रदेश भर में प्रेमचंद अग्रवाल के पुतले भी जलाए गए।
इसके बाद से उत्तराखंड कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा लगातार चल रही थी। कहा जा रहा था कि होली के बाद कैबिनेट में फेरबदल होगा। इन्हीं चर्चाओं के बीच आज मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

सत्र के दौरान अपनी बात रखते मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल। फाइल फोटो
कौन हैं प्रेमचंद अग्रवाल?
प्रेमचंद्र अग्रवाल का जन्म देहरादून जिले के डोईवाला में एक संघी पृष्ठभूमि वाले परिवार में हुआ था। राजनीति की शुरुआत विद्यार्थी परिषद से की। 1980 में वह डोईवाला में एबीवीपी के अध्यक्ष बने। 1995 में वह देहरादून जिले में भाजपा के प्रमुख बने। वह उत्तराखंड आंदोलन में भी सक्रिय रहे।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ वह लंबे समय तक जुड़े रहे। संगठन में भी कई पदों पर रहे हैं। 2007 में प्रेमचंद अग्रवाल ने पहली बार ऋषिकेश विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीते। उसके बाद वह लगातार ऋषिकेश विधानसभा से चुनाव जीते आ रहे हैं। 2017 में प्रेमचंद अग्रवाल त्रिवेंद्र सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए थे। जबकि 2022 में उन्हें संसदीय वित्त और शहरी विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी गई।
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