श्रीनगर24 मिनट पहले
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उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि भाजपा से आर्टिकल 370 की बहाली की मांग करना मूर्खता करने जैसा होगा, क्योंकि भाजपा ने ही 370 हटाया था। हालांकि, हम इस मुद्दे को जिंदा रखेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारा पॉलिटिकल स्टैंड कभी नहीं बदलेगा। हम इस मुद्दे को लेकर चुप नहीं बैठेंगे। हम इस पर बात करना जारी रखेंगे और उम्मीद करते हैं कि कल जब केंद्र में सरकार बदलेगी, जब देश में एक नया तंत्र होगा, तब हम इस पर चर्चा करेंगे और जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ हासिल कर सकेंगे।
मोदी ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कही थी। वे सम्मानीय व्यक्ति हैं। उम्मीद है कि उन्होंने जो कहा है वे वह जरूर करेंगे।
इधर, गुरुवार सुबह नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक दल की मीटिंग होगी। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 42 सीटें जीतीं। कांग्रेस-CPI(M) की 7 सीटों के साथ उमर गठबंधन सरकार बनाने जा रहा हैं।
मीटिंग में उन्हें विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। उनके पिता और पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ऐलान कर चुके हैं कि उमर ही CM बनेंगे। हालांकि, अभी शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं हुई है।

जम्मू-कश्मीर के 2 रीजन- एक में भाजपा, दूसरे में NC भारी
जम्मू रीजन: 43 सीटों में 29 भाजपा जीती, कश्मीर में खाता नहीं खुला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की 90 सीटों में से 43 जम्मू और 47 कश्मीर में हैं। भाजपा ने जम्मू रीजन की सभी 43 सीटों पर चुनाव लड़ा और 29 सीटें जीती। वहीं कश्मीर रीजन की 47 सीटों पर भाजपा ने 20 कैंडिडेट उतारे थे। यहां भाजपा का खाता नहीं खुल पाया। गुरेज सीट से एक उम्मीद थी। यहां से फकीर मोहम्मद खान बीजेपी के कैंडिडेट थे। फकीर मोहम्मद 28 साल पहले 1996 में गुरेज से निर्दलीय विधायक चुने गए थे। फिर कांग्रेस में गए, हार गए। इस बार बीजेपी से भी उन्हें हार मिली।
कश्मीर रीजन: NC-कांग्रेस अलायंस: कश्मीर में मजबूत नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन कश्मीर में पहले से मजबूत था। नेशनल कांफ्रेंस की 42 सीटों में से करीब 35 से ज्यादा सीटें कश्मीर रीजन से मिली हैं। वहीं कांग्रेस ने भी कश्मीर संभाग से 6 सीटें जीतीं। 2014 में दोनों पार्टियों ने 27 सीटें जीती थीं। इस बार गठबंधन का आंकड़ा बहुमत के पार हो गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस चुनाव में 51 और कांग्रेस ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
7 सीटों पर फ्रेंडली फाइट, जहां NC-कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर जम्मू-कश्मीर चुनाव लड़ा था। हालांकि 7 सीटें ऐसी थीं, जहां दोनों पार्टियों के बीच फ्रेंडली फाइट थी। दोनों पार्टियों ने अपने-अपने कैंडिडेट उतारे। ये सात सीटें- बनिहाल, डोडा, भद्रवाह, नगरोटा, सोपोर, बारामूला और देवसर थीं। इन सात सीटों में से एक NC को 4, भाजपा को 2, AAP को 1 सीट मिली। कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली।