सोने का एक किलो नकली सिक्का देकर वाराणसी में हुई 7 लाख की ठगी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
वाराणसी के आदमपुर थानाक्षेत्र के मालवीय ब्रिज (राजघाट पुल) पर माइक्रो फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति से 7 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। उसे तीन लोगों ने अयोध्या में खुदाई में सोने के सिक्के मिलने का झांसा देकर उसे एक किलो सोने के सिक्के
.
14 फरवरी को हुई घटना के बावजूद FIR न दर्ज करने पर पुलिस कमिश्नर से भुक्तभोगी ने गुहार लगाईं। जिसके बाद घटना के डेढ़ महीना बीतने पर FIR दर्ज की गई है।
जमीन खरीदने के लिए लिया था लोन भुक्तभोगी कुशीनगर निवासी प्रदीप कुमार ने बताया- मै जलीलपुर चौकी क्षेत्र, थाना मुगलसराय में रहकर एफ्को इंफ्राटेक कंपनी में काम करता हूं। मेरा अकाउंट HDFC बैंक में है। जहां से मैंने 7 लाख का परसनल लोन जमीन खरीदने के लिए लिया था। 12 फरवरी की दोपहर ढाई बजे के आस-पास के व्यक्ति जो अपना नाम प्रजापति बताया। उसने कहा मेरी मां बहुत बीमार है। मै बहुत गरीब हुन उसका इलाज नहीं करवा पा रहा हूं।
अयोध्या में खुदाई में मिले हैं सोने के सिक्के प्रजापति ने मुझे झांसे में लेते हुए कहा- अयोध्या में मै काम कर रहा था। वहां खुदाई के दौरान मुझे सोने के सिक्के मिले हैं। उसे लेकर आप अगर मुझे पैसा दे दें तो मै अपनी मां का इलाज करवा लूं और खेत गिरवी से छुड़वा लूं। इसपर मैंने उसे कुछ दिन का समय देने को कहा तो वह अपना मोबाइल नंबर देकर मुझे चला गया।
14 फरवरी की सुबह राजघाट पुल पर बुलाया प्रदीप ने बताया- इस दौरान मेरे मन में कम पैसे में अधिक सोना पाने का लालच घर कर गया। उधर उसने मुझे 14 फरवरी की सुबह काशी रेलवे ब्रिज के ऊपर बुलाया इस दौरान उसके साथ एक लड़का और एक औरत भी थे। उन्हें मैंने 7 लाख रुपया नकद दिया और एक किलो सोने का सिक्का लिया। सिक्का देकर वो तीनों वहां से चले गए।
तनिष्क शोरूम में पता चला नकली हैं सिक्के प्रदीप ने बताया- सुबह जब 10 बजा तो तनिष्क शोरूम पहुंचा और दो सिक्के चेक कराए। इसपर उन्होंने उसे नकली बताया। इसके बाद सारे सिक्के नकली निकले। जिससे मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। मै थक हार कर मुगलसराय थाने पहुंचा क्योंकि मै जलीलपुर चौकी क्षेत्र में रहता हूं। पर इन्स्पेक्टर विजय बहादुर सिंह ने मुझे घटनास्थल आदमपुर में होने की बात कहकर वहां भेज दिया।
डेढ़ महीने से दौड़ा रही पुलिस पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को दिए प्रार्थना पत्र में दीपक ने बताया- इसके बाद उसी दिन मै आदमपुर थाने पहुंचा तो मुझे वहां से डांट कर भगा दिया गया। कहा गया कि मुगलसराय जाओ। इसमें डेढ़ महीने से अधिक का समय निकल गया। इसपर सख्ती दिखाते हुए पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर आदमपुर को संबंधित धाराओं में जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। जिसपर पुलिस ने बीएनएस की धारा 318(2) और 318 (4) में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।