राजधानी लखनऊ के डालीगंज स्थित उमराव सिंह धर्मशाला में बुधवार को आयोजित संगोष्ठी में “वन नेशन-वन इलेक्शन” यानी “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर व्यापक मंथन हुआ। संगोष्ठी में वक्ताओं ने चुनाव सुधार के महत्व, इसके लाभ और लोकतंत्र पर पड़ने वाले दीर्घकालिक
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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते लखनऊ उत्तर के विधायक डॉ. नीरज बोरा, चुनाव सुधार को बताया लोकतंत्र सशक्त करने वाला कदम।

“एक राष्ट्र, एक चुनाव” संगोष्ठी में मंच से विचार व्यक्त करते भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय राय।

डालीगंज स्थित उमराव सिंह धर्मशाला में आयोजित संगोष्ठी में मौजूद भाजपा पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि व नागरिक।
संजय राय बोले–कांग्रेस के कारण टूटी समांतर चुनाव प्रणाली
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय राय ने कहा कि बार-बार चुनाव से विकास कार्य प्रभावित होते हैं। विकसित भारत के निर्माण के लिए चुनाव प्रणाली में सुधार समय की मांग है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अहंकार ने लोकसभा और विधानसभा के एक साथ चुनाव की परंपरा को खत्म कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 1967 में जनसंघ और सोशलिस्ट पार्टी के गठबंधन से बनी 9 राज्यों की सरकारें इंदिरा गांधी द्वारा भंग कर दी गई थीं।
32 दलों ने दी “वन नेशन-वन इलेक्शन” को समर्थन
संजय राय ने बताया कि इस मुद्दे पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष 47 दलों में से 32 दलों ने इसका समर्थन किया है, जो बताता है कि यह विचारधारा अब राष्ट्रीय सहमति की दिशा में बढ़ रही है।
विधायक नीरज बोरा ने बताया लोकतंत्र को मजबूत करने वाला कदम
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लखनऊ उत्तर के विधायक डॉ. नीरज बोरा ने कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं बल्कि एक सशक्त लोकतंत्र की नींव है। उन्होंने इसे “विकसित भारत” की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
एक साथ चुनाव से होगी संसाधनों की बचत
भाजपा लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है, बल्कि शासन व्यवस्था भी प्रभावित होती है। यदि सभी चुनाव एक साथ हों तो न केवल सरकारी धन की बचत होगी, बल्कि जनता की भागीदारी भी मजबूत होगी।