एटा के जलेसर कसबे में हाल ही में निवर्तमान उपजिलाधिकारी अलंकार अग्नोहोत्री के निर्देश पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत निधौली कलां चौराहे पर नगर पालिका की सरकारी भूमि पर जीविका चला रहे गरीब दुकानदारों के खो
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इन दुकानदारों के लिए यह आर्थिक संकट का कारण बन गया।
किसान नेता का समर्थन
दुकानदारों ने अपने खोखे वापस लगाने का प्रयास किया, लेकिन प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। इस स्थिति से नाराज होकर, छोटे-छोटे दुकानदार एकत्रित हुए और अपनी समस्या को भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह के सामने रखा।
भानुप्रताप सिंह ने तुरंत दुकानदारों के साथ निधौली कलां चौराहे पर पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुना। जब किसान नेता सड़क पर उतरे, तो तहसीलदार राकेश कुमार भी मौके पर पहुंचे। भानू ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि उनका घर तहसील, विकास खंड और थाना सभी जलेसर में हैं। जलेसर के लोगों से उनका विशेष जुड़ाव है।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
भानू ने कहा कि प्रशासन द्वारा हटाए गए खोखे दुकानदारों के लिए जीवन यापन का एकमात्र साधन हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इन खोखों को फिर से रखने की अनुमति दी जाए। भानू ने यह भी कहा कि नगर पालिका ने इन खोखों को हटाकर गरीबों के पेट पर लात मारने का काम किया है।
आगे की रणनीति
भानु ने प्रशासन को स्पष्ट कर दिया कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वह और उनके समर्थक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उनकी इस अपील ने गरीब दुकानदारों में आशा जगाई है कि शायद उन्हें न्याय मिल सकेगा।