Thursday, April 24, 2025
Thursday, April 24, 2025
Homeमध्य प्रदेशएमपी के एक बिजनेसमैन की बर्बादी की कहानी: 50 लाख की...

एमपी के एक बिजनेसमैन की बर्बादी की कहानी: 50 लाख की साइबर ठगी के बाद फैक्ट्री सील, 25 करोड़ सालाना कमाई 20 हजार महीने पर आई – Madhya Pradesh News


वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन श्रीपाल ओसवाल के साथ हाल ही में जिस तरह से ठगी की वारदात हुई है। वैसी ही वारदात भोपाल के उद्योगपति आरएस चौहान के साथ 11 साल पहले हो चुकी है। फर्क इतना है कि ओसवाल के मामले में पुलिस बहुत जल्द एक्टिव हो गई और साढ़े पांच करोड़

.

साइबर ठगों की वजह से आर एस चौहान को न केवल अपनी सात एकड़ में बनी फर्नीचर फैक्ट्री को गंवाना पड़ा बल्कि आज वे कर्ज में डूबे हैं। हालत ये है कि कभी फर्नीचर के बड़े बड़े ऑर्डर लेने वाले चौहान छोटे मोटे ऑर्डर लेकर गुजारा कर रहे हैं।

पढ़िए किस तरह से साइबर ठगों ने आर एस चौहान से ठगी की थी और उनकी वजह से वे कैसे अर्श से फर्श पर आ गए। ये भी जानिए आज वह किस हालत में है।

अब जानिए किस तरह से चौहान के साथ ठगी हुई

4 अप्रैल 2013 को अकाउंट से ट्रांसफर हुए 50 लाख रु.

आर एस चौहान बताते हैं कि वह 4 अप्रैल 2013 का दिन था। आम दिनों की तरह मैं सुबह उठकर पूजा कर फैक्ट्री जाने की तैयारी कर रहा था। अचानक मुझे ख्याल आया कि सुबह से मेरा मोबाइल एक बार फिर नहीं बजा। मैंने मोबाइल चेक किया तो वह चालू था। मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। कुछ देर बाद मुझे किसी को कॉल करना था। मैंने नंबर डायल किया तो कॉल कनेक्ट ही नहीं हुआ, पता चला कि सिम बंद है।

वे कहते हैं कि फैक्ट्री जाने से पहले मैं एक बार अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करता था। मोबाइल बंद था तो मैंने लैपटॉप से साइट पर जांच की। तब मैंने देखा कि फैक्ट्री के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हुआ है। एक दिन पहले ही कपूरथला कोच फैक्ट्री से अकाउंट में 70 लाख रु. का पेमेंट आया था। इस ट्रांजैक्शन को देखकर मैंने अपने बेटों से पूछा कि क्या किसी को पेमेंट करना था?

उन्होंने बताया कि किसी को पेमेंट नहीं करना है। इसके कुछ देर बाद फिर अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हुआ। ये देखकर हम तीनों बैंक पहुंचे। कर्मचारियों से कहा कि ये पेमेंट हमारी तरफ से नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते। इसके बाद हम साइबर सेल पहुंचे। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और बैंक से पेमेंट रोकने के लिए कहा तब तक 50 लाख रु. अकाउंट से निकाले जा चुके थे।

डूप्लीकेट सिम इश्यू कराकर हुई थी वारदात

ठगी की इस वारदात के बाद जब साइबर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि साइबर ठगों ने आर एस चौहान के नाम से डूप्लीकेट सिम इश्यू कराई थी। सिम इश्यू करने वाली टेलीकॉम कंपनी से संपर्क किया गया तो कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि आरएस चौहान के नाम से सिम गुम होने का आवेदन दिया गया था। इसके आधार पर डूप्लीकेट सिम इश्यू की गई थी।

ठगों ने सिम हासिल कर मुंबई से चौहान की फर्म के अकाउंट का एक्सेस हासिल किया था। डूप्लीकेट सिम पर आए ओटीपी से खाते में सेंध लगाई थी। पुलिस की जांच में ये भी पता चला कि ठगों ने बैंक अकाउंट में सेंध लगाने से लेकर पैसा निकालने तक की पहले से प्लानिंग की थी। जयपुर और गाजीपुर के जिन अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर हुआ वो कुछ ही दिन पहले खोले गए थे।

गाजीपुर और जयपुर के बैंक अधिकारियों से पूछताछ में ये भी पता चला कि जिन युवकों के नाम से अकाउंट थे वो पिछले एक हफ्ते से रोजाना बैंक के चक्कर काट रहे थे। बैंक कर्मचारियों से पूछते थे कि उनके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हुआ या नहीं। बैंक कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि जैसे ही उनके अकाउंट में पेमेंट आया था, वे पैसा देने की जल्दबाजी करने लगे थे।

पुलिस ने इस मामले में क्या एक्शन लिया था

  • तफ्तीश के बाद पुलिस ने बैंक के कर्मचारियों की गिरफ्तारी की थी।
  • जिन युवकों के नाम से खाते खोले गए थे उनकी KYC की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई थी।
  • अकाउंट खोलने के लिए जो आधार कार्ड इस्तेमाल किए गए थे, वो फर्जी थे।
  • पुलिस को एटीएम से पैसा निकालते युवकों के सीसीटीवी फुटेज मिले थे।
  • इन तस्वीरों के अलावा पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था। इन युवकों की पहचान भी नहीं हो सकी थी।
  • 11 साल बाद भी पुलिस के पास साइबर ठगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

स्टेट आईटी ट्रिब्यूनल ने टेलीकॉम कंपनी और बैंक को दोषी माना

आर एस चौहान कहते हैं कि जब मुझे पैसा वापस नहीं मिला तो मैंने स्टेट आईटी ट्रिब्यूनल में अपील की। सुनवाई के दौरान साइबर पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट दी। उसमें कहा गया था कि टेलीकॉम कंपनी ने बिना वैरिफिकेशन डूप्लीकेट सिम जारी की। वहीं बैंक ने भी दस्तावेजों को वेरिफाइ नहीं किया था।

साल 2018 में आइटी कोर्ट ने चौहान के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा और डूप्लीकेट सिम इश्यू जारी करने वाली टेलीकॉम कंपनी एयरटेल को ठगी गई राशि ब्याज सहित पीड़ित को लौटाने के निर्देश दिए। कंपनियों ने पैसा चुकाने के बजाय राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल में अपील की।

नेशनल ट्रिब्यूनल ने भी कंपनियों को राहत देने से इनकार करते हुए एयरटेल को 36 लाख और बैंक ऑफ बड़ौदा को 16 लाख रुपए जमा कराने की शर्त पर ही स्टे देने का निर्देश दिया। आखिर में यह राशि ट्रिब्यूनल में तो जमा हुई, लेकिन चौहान को नहीं मिली।

बैंक को हर साल ब्याज देना पड़ा, अब तक दे चुके ढाई करोड़

चौहान कहते हैं कि जिस अकाउंट से राशि निकाली गई वो वर्किंग लिमिट अकाउंट था। इस अकाउंट में मेरी लिमिट 6 करोड़ की थी। जब अकाउंट से 50 लाख रु. निकले तो इसका 12 से 13 फीसदी ब्याज मुझे ही भरना पड़ा। व्यापार में इन्वेस्ट की गई पूंजी पर सीधे 50 लाख का अतिरिक्त भार आ गया।

जब पूंजी ही नहीं होगी तो बिजनेस पर इसका असर पड़ेगा ही, मैं ब्याज देता गया। इन 11 सालों में बैंक को करीब 2 करोड़ रु. ब्याज दिया, लेकिन कब तक देता। आखिर में बैंक ने 2023 में खाते को एनपीए करते हुए मुझे डिफॉल्टर घोषित कर दिया। 17 फरवरी 2024 को मेरी फैक्ट्री भी सील कर दी।

17 फरवरी 2024 को बैंक की लीगल टीम आर एस चौहान की फैक्ट्री सील करने पहुंची थीं।

17 फरवरी 2024 को बैंक की लीगल टीम आर एस चौहान की फैक्ट्री सील करने पहुंची थीं।

25 करोड़ सालाना की कमाई अब 20 हजार रु. महीने पर आई

चौहान कहते हैं कि जब फैक्ट्री चल रही थी तब मैं रेलवे का अप्रूव वेंडर और मैन्युफैक्चरर था। हम लोग सवारी डिब्बों की लकड़ी की बर्थ बनाते थे। मेरा मटेरियल ऑल इंडिया अप्रूव था। बीएचईएल की ट्रांसफॉर्मर यूनिट में भी काम करता था। जब मैं साइबर ठगी का शिकार हुआ तो मुझे किसी ने मदद नहीं की।

पूंजी और फैक्ट्री गंवाने के बाद अब किसी सरकारी विभाग या कॉर्पोरेट में सप्लाई की हैसियत नहीं बची है। गोविंदपुरा में मैंने एक ओनर से गुजारिश कर फर्नीचर बनाने के लिए स्पेस मांगा। यहां अब छोटे मोटे ऑर्डर लेकर घरों और दुकानों के लिए फर्नीचर बनाने का काम करते हैं। चौहान कहते हैं कि एक घटना ने हमारा सब कुछ छीन लिया।

किसी समय कॉर्पोरेट कंपनी और रेलवे के लिए फर्नीचर सप्लाई करने वाले चौहान अब घर और ऑफिस का फर्नीचर बनाते हैं।

किसी समय कॉर्पोरेट कंपनी और रेलवे के लिए फर्नीचर सप्लाई करने वाले चौहान अब घर और ऑफिस का फर्नीचर बनाते हैं।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular